वाराणसी (ब्यूरो)तेजी से बदलते दौर में साइबर अपराधी रोज अपने अपराध का तरीका बदलकर पुलिस और साइबर सेल को चुनौती दे रहे हैंदो दिन पहले वाराणसी के कमिश्नर और डीएम के फर्जी व्हाट्सएप नंबर से ठगी का मामला सामने के बाद कमिश्नरेट पुलिस के होश उड़ गएआए दिन अपराधियों के नये पैंतरे से इन जालसाजों तक पहुंचना स्मार्ट एवं हाईटेक वाराणसी पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा हैहालांकि साइबर अपराध के मामले में प्रदेश का हाईटेक जिला नोएडा अव्वल नंबर पर है, जबकि वाराणसी पांचवें पायदान पर हैएनसीआरबी की रिपोर्ट के तहत जनवरी से अप्रैल तक नोएडा में 1585, लखनऊ में 1465, प्रयागराज में 1102, गाजियाबाद में 896 और वाराणसी में 564 केस दर्ज किए गए हैं.

औसतन हर दिन आते हैं 20 मामले

बीते चार महीने में वाराणसी में कुल 564 केस ऑनलाइन ठगी से जुड़े हुए दर्ज हुए थेहालांकि इसमें से 40 फीसद से अधिक साइबर ठगी के मामलों का निस्तारण कर दिया गया हैप्रतिदिन 20 से 22 साइबर ठगी के मामले दर्ज होते हैं, जिनमें से 3 से 4 केस जांच के बाद फर्जी पाए जाते हैंवहीं कुछ केस में पीडि़त के द्वारा सही जानकारी न मिल पाने के कारण उनके जांच में काफी कठिनाइयां आती हैंसाइबर थाना प्रभारी वीएन मिश्रा के अनुसार थाने में हर दिन औसतन 6 केस आते हैं.

केस आने के बाद पुलिसिया कार्रवाई

साइबर क्राइम के केस जैसे ही दर्ज होते हैं तो हमारी पहली कोशिश जालसाज के द्वारा ट्रांसफर किए गए रुपये को तुरंत ही होल्ड कराने की होती हैजिन मामलों में घटना के कुछ घंटे बाद शिकायत मिल जाती है उन्हें हम तत्काल संबंधित बैंक और कंपनी को ईमेल करके पीडि़त के खाते की ट्रांजैक्शन आईडी के साथ भेज देते हैंइसमें कई बार बैंक तुरंत प्रतिक्रिया दे देते हैं और पीडि़त का पैसा उसके खाते में वापस आ जाता हैकुछ बैंक और कंपनी प्रतिक्रिया देने में काफी समय लगा देते हैं, जिससे केस दर्ज होने के बाद भी रुपये वापस नहीं मिल पाते हैं.

सभी थानों पर साइबर हेल्प डेस्क

वाराणसी में लगातार बढ़ रहे साइबर ठगी से निपटने के लिए सभी थानों पर साइबर हेल्प डेस्क बनाया गया है, जिसमें एसआई समेत पांच की टीम गठित की गई हैइन लोगों को ट्रेंड करने के आदेश दिए गए हैंसाइबर क्राइम एक्सपर्ट से हर दूसरे महीने 4 दिन की नए प्रकार के अपराध और टूल के बारे में ट्रेनिंग दी जाती हैटीम व्यूवर, एनी डेस्क, क्विक सपोर्ट, पेमेंट गेटवे के बारे में जो नया तरीका अपराधियों ने अपनाया है, इसके बारे में बताते हैं.

इन लोगों को वापस मिले पैसे

-पहडिय़ा निवासी यशवंत कुमार के वॉलेट से 69,094.49 रुपए धोखाधड़ी कर निकाल लिए गए थेयशवंत का पैसा साइबर क्राइम थाना पुलिस द्वारा उनके खाते में वापस करा दिया गया है.

-रामापुरा निवासी संदीप सेठ से केवाईसी अपडेट के नाम पर बैंक संबंधी विवरण लेकर उनके खाते से 24,590 रुपए निकाल लिए गएसंदीप का पैसा उनके खाते में वापस करा दिया गया है.

-वाजिदपुर रामनगर निवासी उपेंद्र तिवारी का क्रेडिट कार्ड का बकाया जमा कराने के नाम पर खाते से 30,318 रुपए निकाल लिए गए थेउपेंद्र के पैसे उनके खाते में वापस करा दिए गए हैं.

पुलिस की टीमों को नियमित रूप से साइबर क्राइम विशेषज्ञों से प्रशिक्षण दिलाया जा रहा हैलोगों को भी नियमित रूप से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिये जागरूक किया जा रहा है.

-ए सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर