वाराणसी (ब्यूरो)नकली और नशीली दवाओं के मामले में काशी बदनाम हो चुकी हैकोरोना काल से लेकर अब तक तीन गुना यानी तीन अरब सेे अधिक का कारोबार हो चुका हैईमानदारी का चोला ओढ़कर शहर के कारोबारी इस काले कारोबार को बड़े ही आराम से अंजाम दे रहे हैंइनमें बड़े पैमाने पर नर्सिंग होम संचालक भी शमिल हैंजड़ इनकी इतनी मजबूत है कि ताबड़तोड़ कार्रवाई सेे भी इन पर कोई असर नहीं दिख रहातभी तो साढ़े सात करोड़ की नकली दवा का अभी तक खुलासा नहीं हुआ था कि फिर से लाखों रुपए की नशीली इंजेक्शन और सीरप पकड़े जाने से एक बार फिर शहर में हड़कंप मच गया.

सप्लायरों के लिए मुफीद जगह

बाजार से मिले फीडबैक के मुताबिक नकली दवा या नशीली दवा का कारोबार करने वाले कारोबारियों के लिए काशी सबसे सेफ जोन बन चुका हैबद्धी से नशीली दवा मंगाकर यहां से पूर्वांचल के जिलों के अलावा यूपी से सटे बिहार में भी सप्लाई हो रहा हैधड़का इतना मजबूत है कि एकाध खेप अगर पकड़ा गया तो उनके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़तायही वजह है कि लगातार नशीली दवाइयों का कारोबार बढ़ता जा रहा हैसबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बिना लाइसेंस के ही यह करोड़ों रुपए की नशीली दवा बेचकर धनपशु बन बैठे हैं.

सबसे बड़ा बाजार

नशीली या नकली दवा का कारोबार करने के लिए सबसे गोल्डेन मौका रहा कोरोना कालउस दौरान नकली वैक्सीन बनाकर करोड़ों रुपए कारोबारियों ने कमायाजब तक विभाग को पता चला तब तक करोड़ों रुपए वारा-न्यारा हो चुका थाइसके बाद भी नशीली दवाइयों का कारोबार नहीं रुका और धड़ल्ले से चलने लगाबाजार के विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना काल से लेकर अब तक करीब तीन अरब से अधिक नकली दवाइयों की सप्लाई हो चुकी हैइनमें नशीली दवाइयां सबसे अधिक हैं.

नर्सिंग होम में अधिक खपत

शहर समेत पूरे पूर्वांचल के कई नर्सिंग होम में सबसे अधिक नकली दवाओं की खपत हैये संचालक पैसे की खातिर किसी की भी जान के साथ खिलवाड़ कर सकते हंैड्रग विभाग ने भी जांच में करीब पूर्वांचल के सौ नर्सिंग होम को टारगेट पर लिया हैनकली दवाओं में मार्जिन इतना अधिक रहता है कि इसके बिना उनका कोई काम ही नहीं चलतामोनोपोली इतना अधिक है कि नर्सिंग होम द्वारा लिखा गया इजेक्शन नर्सिंग होम की जगह अगर कहीं बाहर से लेकर चले गए तो उस इंजेक्शन को रिजेक्ट कर दिया जाता हैमजबूरी में तीमारदारों को महंगे दाम पर नर्सिंग होम के दुकानों से ही इंजेक्शन लेना पड़ता हैयही सिनेरियो सभी नर्सिंग होम में देखने को मिलता है.

काशी से आंध्र तक कनेक्शन

एक दिन पहले पकड़ी गई नशीली इंजेक्शन की सप्लाई शहर ही नहीं आंध्र प्रदेश तक सप्लाई होती हैइस धंधे में लिप्त कारोबारी बद्दी, हिमाचल प्रदेश की ब्रांडेड कंपनियों के नाम की नकली दवाएं बनवाकर काशी में अवैध तरीके से रिजर्व करते हैंइसके बाद वाराणसी समेत पूर्वांचल के अन्य जिलों के साथ-साथ पटना, गया, पूर्णिया (बिहार), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) आदि जगहों पर सप्लाई करते हंैहर महीने करीब 10 करोड़ से अधिक की नशीली दवाइयों का कारोबार करते हंै.

बिना लाइसेंस का कारोबार

ड्रग विभाग की मानें तो एक दिन पहले पकड़ी गई नशीली इंजेक्शन का कारोबार आज से नहीं बल्कि कई सालों से चल रहा थाजांच के दौरान इनके पास न तो लाइसेंस मिला और न ही कोई बिलबद्धी से सीधे लाकर यहां से नर्सिंग होम और पूर्वांचल के जिलों समेत बिहार तक सप्लाई करते थेइनको नोटिस जारी किया गया हैइसके बाद एफआईआर कराया जाएगाऐसे कारोबारियों को ड्रग विभाग ने चिह्नित करना शुरू कर दिया है.

बनारस नशीली और नकली दवा का कारोबार करने वालों के लिए मुफीद जगह बन गया हैऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही हैकाशी में बैठकर पूरे पूर्वांचल, बिहार और आंध्र प्रदेश तक दवा की सप्लाई कर रहे हैंइनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है.

अमित कुमार बंसल, डीआई