वाराणसी (ब्यूरो)। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। यात्रियों की संख्या कम होने की वजह विमानन कंपनियों द्वारा बेतहासा किराए में बढ़ोत्तरी है। विमानन कंपनियों ने एटीएफ (एयर टरबाईन फ्यूल) बढऩे के कारण किराए में बढ़ोतरी की है। बता दें कि विमान किराए में 40 प्रतिशत तक फ्यूल टैक्स होता है जो विमान किराए को बढ़ाता है। यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हुई तो विमानन कंपनियों को कुछ विमानें बंद करनी पड़ सकती है।
सात बार बढ़ा एटीएफ का दाम
इस वर्ष जनवरी से एक अप्रैल तक कुल सात बार एटीएफ के दाम में बढ़ोत्तरी हुई है। एक अप्रैल को दो प्रतिशत वृद्धि के बाद 112924.83 रुपये प्रति किलोलीटर (एक हजार लीटर) पर पहुंच गया है। जनवरी से अब तक लगभग 38902 रुपये प्रति किलोलीटर की वृद्धि हुई है। बता दें कि औसत अंतरराष्ट्रीय मूल्य के आधार पर महीने की पहली और 16 तारीख को जेट फ्यूल की कीमत में संशोधन किया जाता है। एयरपोर्ट अधिकारियों की मानें तो अभी एटीएफ की कीमतों में और बढ़ोत्तरी की संभावना है। ऐसे में विमान किराया और बढऩे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
15 अप्रैल तक कैसे बढ़ा फेयर
वाराणसी से दिल्ली का किराया 3000 से 3500 के बीच था जो बढ़कर 6500 से 7000 के बीच हो गया। वाराणसी से मुंबई का सामान्य किराया 4500 से 5000 के बीच होता है जो बढ़कर 75000 से 8000 हो गया है। इसी कड़ी में दक्षिण भारत जाने वाले विमानों का किराया भी काफी बढ़ा है। वाराणसी से हैदराबाद का किराया आमदिनों में 4500 से 5000 रुपये होता है जो बढ़कर 12000 से 13000 रुपये पहुंच गया। चेन्नई का किराया 5000 से बढ़कर 10000 रुपये तक पहुंच गया। बंगलूरू का किराया 5500 से 12000 हो गया है। सबसे ज्यादा ट्रैफिक दिल्ली रूट पर है। वाराणसी से दिल्ली के बीच करीब एक दर्जन विमान रोज उड़ान भरती हैं लेकिन किसी भी विमान सीट फूल नहीं हो पा रही है। दिल्ली के बाद मुंबई के लिए आधा दर्जन विमान रोज संचालित होती है, यहां भी यही हाल है.
लगातार घट रहे पैसेंजर्स
27 मार्च से समर शेड्यूल जारी होने के साथ करीब आधा दर्जन नए विमान शुरू हुए जिसमें वाराणसी से गोरखपुर, देहरादून, जयपुर, गुवाहाटी, पटना और जम्मू आदि है। उस दिन 3896 यात्री आए और 4621 यात्री यहां से प्रस्थान किए थे यानी कुल 8517 यात्रियों का आवागमन वाराणसी एयरपोर्ट से हुआ। मगर एक अप्रैल के बाद लगातार यात्रियों की संख्या घट रही है। एक अप्रैल को 6645 यात्री, दो अप्रैल को 6033, तीन अप्रैल को 7079, चार अप्रैल को 6167 यात्री, पांच अप्रैल 5177, छह अप्रैल को 5218 यात्री, यात अप्रैल को 5902 यात्री, आठ अप्रैल को 6640 यात्रियों का आवागमन हुआ। इन आंकड़ों पर नजर डाले तो लगातार विमान यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है.
पांच दिन बाद भी नहीं बनी एयर इंडिया की फ्लाइट
वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया के विमान में आई तकनीकी खराबी को पांच दिन बाद भी दूर नहीं हो सका। पांच दिनों से विमान एप्रन पर ग्राउंड किया गया है। बता दें कि एयर इंडिया का विमान दिल्ली से 159 यात्रियों को लेकर बीते गुरुवार को दिल्ली से वाराणसी के लिए उड़ान भरा था। वाराणसी पहुंचने के कुछ देर पूर्व ही विमान के पायलट को विमान में तकनीकी खराबी होने की जानकारी हुई जिसके बाद पायलट ने वाराणसी एटीसी से संपर्क साधा और विमान को कम ऊंचाई पर रखते हुए वाराणसी एयरपोर्ट पर सकुशल रनवे पर उतारा गया था। हवाई अड्डे पर मौजूद इंजीनियरों की टीम ने विमान में आई तकनीकी खराबी को दूर करने का प्रयास किया लेकिन दूर नहीं हो सका। एयर इंडिया के स्थानीय प्रबंधक एके राय ने बताया कि विमान में तकनीकी खराबी है, ऐसे में विमान को उडऩे की इजाजत नहीं दी जा सकती है.