वाराणसी (ब्यूरो)। काशी विद्यापीठ रोड स्थित अन्नपूर्णा ग्रैंडयोर अपार्टमेंट में लगी आग की जांच के लिए जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई जांच समिति ने मंगलवार को जांच रिपोर्ट सौंपी। इसमें आग लगने का कारण तो बहुत स्प्ष्ट नहीं हो सका लेकिन जांच में आग के विकराल होने की वजह जरूर बताई गई है। इसके साथ भविष्य में ऐसी किसी घटना से बचाव के लिए सुझाव भी दिए गए हैं।
तीन बिंदुओं पर रिपोर्ट
जांच समिति में शामिल अपर जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, सहायक पुलिस आयुक्त, चेतगंज, और वीडीए के संयुक्त सचिव ने अपार्टमेंट का निरीक्षण करने के साथ वहां रहने वालों से पूछताछ करने तीन ङ्क्षबदुओं पर रिपोर्ट तैयार की। बिङ्क्षल्डग में आग लगने की घटना किन कारणों से हुई? बिङ्क्षल्डग में आग से बचाव के मानक पूरे थे या नहीं? बिङ्क्षल्डग का नक्शा आग से बचाव के अनुरूप है या नहीं इन ङ्क्षबदुओं पर जांच हुई। जांच में पाया गया कि आग शार्ट सर्किट या पूजा के लिए जलाए गए दीपक से फ्लैट संख्या 401 में लगी जो धीरे-धीरे फैलती गयी.
मानक के अनुरूप व्यवस्था
अपार्टमेंट का निर्माण व अग्निशमन व्यवस्था तो मानक के अनुरूप है। साथ ही अग्निशमन विभाग की ओर से एनओसी भी जारी की गयी थी लेकिन हादसे के वक्त प्रशिक्षित कर्मचारियों के मौजूद नहीं रहने से फायर पंप देर से शुरू किया जा सका। सेटबैक को बगल के निर्माणाधीन अपार्टमेंट के रा मैटेरियल रखकर अवरोधित कर दिया गया था। इसकी वजह से आग ज्यादा बढ़ गयी थी।
जांच में ये मिलीं कमियां
- प्रशिक्षित कर्मचारी नियुक्त नहीं किए गए थे
- हर फ्लोर पर हौज कैबिनेट को बंद किया गया था
- बेसमेंट में भूमिगत टैंक के पास फायर पंप को आटो मोड पर नहीं रखा गया था
- सेटबैक को निर्माण सामग्री रखकर रोधित किया गया था
- प्रवेश निकास द्वार में से एक को बंद रखा गया था
ये दिया गया सुझाव
- बेसमेंट के भूमिगत टैंक के पास स्थापित फायर पम्प को आटो मोड में रखा जाए
- हर फ्लोर पर बने हौज कैबिनेट की चाभी व हथौड़ी को हौज कैबिनेट से बांधकर रखा जाए
- अपार्टमेंट के चारो तरफ सेटबैक को अवरोध मुक्त रखा जाए
- ब्लाकों से सुगमतापूर्वक निकास के लिए एक-एक फायर स्केप बनाया जाए और सभी टावरों के टैरेस पर स्काई ब्रिज बनाकर एक-दूसरे से जोड़ा जाए
- अपार्टमेंट में बने प्रवेश और निकास द्वार को हमेशा अवरोध रहित रखा जाए
- हर लिफ्ट में फायरमैन स्विच दिया जाए और लिफ्ट को पृथक सर्किट बनारकर जेनरेटर से जोड़ा जाए।
- जनपद के प्रत्येक महत्वपूर्ण भवन तथा बहुमंजिला इमारतों में अग्निकांड से बचाव के संबंध में प्रक्षिशण सत्र आयोजित किया जाए.
- अग्निशमन के उपकरणों तथा बचाव की व्यवस्थाओं की समय-समय पर जांच की जाए.