वाराणसी (ब्यूरो)सोनभद्र के बाद एसटीएफ की टीम ने वाराणसी के रोहनियां स्थित इमामी एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड गोदाम के पास से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त अन्तर्राज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया हैइनके पास 90 किलो गांजा जब्त किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत 23 लाख रुपये हैसाथ ही तस्करी में प्रयुक्त बोलेरो, बाइक और एक लाख से अधिक नगदी भी बरामद की गई हैये लोग उड़ीसा से गांजा लाकर वाराणसी में डंप करते थे और यहां से पूरे पूर्वांचल समेत अन्य जगहों पर भेजते थेसोमवार को सोनभद्र से सवा करोड़ रुपये का गांजा पकड़ा थागिरफ्तार तस्करों की पहचान सतिराम यादव निवासी खुटहन-जौनपुर, आसित पांडेय निवासी जमालपुर-मिर्जापुर, अमित सिंह निवासी रोहनिया और अवनीश सिंह निवासी राजातालाब के रूप में हुई है.

एसटीएफ को मिली सूचना

एसटीएफ टीम को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी की सूचनाएं मिली थीडिपटी एसपी नवेन्दु कुमार प्रयागराज के नेतृत्व में टीम कार्रवाई में जुट गईइसी बीच प्रयागराज की टीम वाराणसी के रोहनियां थाना क्षेत्र में पहुंची तो मुखबिर से सूचना मिली कि अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गैंग के लोग उड़ीसा से अवैध मादक पदार्थों की खेप बोलेरो से लाकर इमामी एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड गोदाम के पास मौजूद हैंएसटीएफ टीम ने तुरंत छापेमारी कर चार तस्करों को गिरफ्तार कर लियाउप निरीक्षक धर्मेन्द्र सिंह, मुख्य आरक्षी हबीब सिद्दीकी, मुख्य आरक्षी अभिषेक मिश्रा, मुख्य आरक्षी पंकज तिवारी, मुख्य आरक्षी पुनीत पांडेय मय वाहन सरकारी चालक रविकान्त की एक टीम मुखबिर

छोटे वाहनों से तस्करी

पूछताछ में बोलेरो चालक सतिराम ने बताया कि गांजा तस्करी का एक सक्रिय गैंग है, जो उड़ीसा से लाकर यूपी के विभिन्न जनपदों में गांजा बेचता हैगांजा की बड़ी खेप पकड़े जाने पर भारी नुकसान होता है, इसलिए अब छोटे वाहनों में विशेष कैविटी बनाकर कम मात्रा में गांजा लाया जाता हैपुलिस को धोखा देने के लिए बोलेरो की छत में एक विशेष कैविटी बनवायी गई है, जिसके अन्दर गांजा लादा जाता है

बदल देते हैं नंबर

पुलिस को ही धोखा देने के लिए राज्यवार बोलेरो का नम्बर प्लेट भी बदल देते हैंगांजा हनुमान यादव निवासी मरहट निरंजनपुर, थाना खुटहन, जनपद जौनपुर का है, जिनके कहने पर मेरे साथ गये गुड्डू यादव द्वारा उड़ीसा राज्य से लाया गया हैमौके से गुड्डू फरार हो गया

फाइनेंस कंपनी से जुड़े

सतिराम के साथ पकड़े गये आसित पांडेय, अमित सिंह व अवनीश सिंह ने बताया कि हम तीनों लोग मूल रूप से सीजर एजेन्ट (फाइनेंस किये गये वाहनों की किस्त जमा न कर पाने पर वाहन स्वामी से वाहन खींचवाकर सीज किये जाने का कार्य) का कार्य करते हैं, लेकिन इसके साथ अधिक मुनाफा कमाने के लिए छिपकर गांजा को कम दामों में क्रय कर अधिक दामों में स्थानीय बाजारों में विक्रय करते हैंआज भी हम लोग इस गांजे को स्थानीय बाजार व आसपास के क्षेत्रों में खपाने के लिए आए थे, लेकिन पकड़ लिया गया.