वाराणसी (ब्यूरो)बिजली विभाग पर बकाया बिल वसूलने का लगातार दबाव हैइसके लिए विभाग प्रयासरत है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे बड़े बकायेदार तो खुद सरकारी विभाग ही हैंयह खुद विभाग के आंकड़ों से उजागर हुआ हैइनके यहां लाखों रुपये तक बकाया है लेकिन विभाग ध्यान नहीं दे रहा, जबकि छोटे बकायेदारों को नोटिस देकर एक सप्ताह के अंदर बिल जमा करने को चेताया जा रहा हैबिल जमा नहीं करने पर उनकी बिजली काट दी जा रही है.

बता दें कि पीडब्ल्यूडी विभाग पर 65 लाख रुपये तो कैंटोनमेंट बोर्ड पर 6 करोड़ रुपये तक बिजली बिल बकाया हैइसके अलावा पुलिस विभाग में तीन करोड़ तो डीडीयू हॉस्पिटल में 70 लाख रुपये से ज्यादा बकाया चल रहा हैइसको वसूलने के लिए विभाग पर लगातार दबाव बन रहा हैवसूली न होने पर अधिकारियों को भी फटकार लग रही हैइसको लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने द्वितीय मंडल के चार विभागों की पड़ताल की है.

पीडब्ल्यूडी आवास

पीडब्ल्यूडी विभाग का आवास नगर आयुक्त आवास के ठीक सामने और सर्किट हाउस के ठीक बगल में बना हुआ हैइस आवास का रखरखाव पीडब्ल्यूडी करता हैइसके साथ ही इसके मेंटनेंस से लेकर बिजली बिल का भुगतान भी करता हैइस आवास में शहर के सभी टाप अधिकारियों के ड्राइवर, स्टेनो और पीए रहते हैं, लेकिन बिजली बिल बकाया पड़े हुए हैैंबिजली विभाग का 65 लाख रुपये बिल बना है, लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा हैबिजली विभाग ने कई बार आपूर्ति को रोका तो टाप अधिकारी बिजली बहाली करने के लिए विभाग को फोन करना शुरू कर देते हैं, लेकिन विद्युत बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं.

कैंटोनमेंट बोर्ड

शहर का सबसे वीवीआईपी और पॉश इलाका कैंटोनमेंट बोर्ड को माना जाता हैयहां तक कि यह शहर का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता हैबोर्ड बिजली विभाग का 6 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया कर चुका है, लेकिन भुगतान करने का नाम नहीं ले रहा हैबिजली बिल के भुगतान को लेकर दोनीं विभागों में इतना विवाद हो गया था कि मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट चला गया थाअपने आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट भी विद्युत भुगतान करने के लिए कह चुका है लेकिन कैैंटोनमेेंट बोर्ड की तरफ से बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

पुलिस विभाग

पुलिस विभाग वाराणसी की बिजली सप्लाई विभाग के द्वारा एक एकाउंट से की जाती हैइसमें सभी विभाग के सभी अधिकारियों के आवास, आफिस, बैरक, कैंटीन, ग्राउंड, कांफ्रेंस हाल आदि की सप्लाई की जाती हैपूरे पुलिस महकमे पर बिजली विभाग का 6 करोड़ रुपये का बकाया हो गया थाॉ, जिसमें बिजली विभाग के द्वारा कई बार इनकी आपूर्ति को रोकने के बाद विभाग ने मार्च में 3 करोड़ का भुगतान किया थाअभी भी विभाग 3 करोड़ का भुगतान नहीं कर रहा हैइनके भुगतान न करने की वजह से बिजली विभाग को बैलेंस बनाने में काफी समस्या उठानी पड़ रही है.

डीडीयू हॉस्पिटल

दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल को शहर के अंदर बेस्ट मैनेजमेंट हास्पिटल का अवार्ड भी मिल चुका हैलेकिन, इस अस्पताल का हाल यह है कि इसने बिजली विभाग का 70 लाख से ज्यादा रुपये का बिल बकाया कर रखा हैअधिकारियों के अनुसार यह बिजली विभाग को दूसरे मामलों में उलझाता भी रहता है जिससे इसे बिल का भुगतान न करना पड़ेयहां तक कि बिजली विभाग ने कई बार एक्शन लेते हुए यहां की सप्लाई को रोक दिया थाइसके बावजूद यह हॉस्पिटल बिल का भुगतान नहीं करना चाह रहा है.

हम लोगों को रेसियो वाइज सप्लाई करने में परेशानी हो जाती हैअगर सारे विभाग टाइमली बिजली बिल का भुगतान कर दें तो हमें निर्बाध आपूर्ति करने में काफी हद तक मदद मिल जाएगी.

-दीपक अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, मंडल द्वितीय