आई इम्पैक्ट

-डायरिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कोटवां में डाला डेरा, घर-घर हो रहा है लोगों का उपचार

-आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से छापी थी 'डराने लगा डायरिया' नाम से खबर

VARANASI

काशी विद्यापीठ ब्लॉक के लोहता व कोटवा गांव में फैले डायरिया को काबू में करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की पूरी फौज उतर गई है। डायरिया के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए मुस्लिम बस्तियों में जहां साफ-सफाई युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम कोटवा में कैंप कर लोगों का उपचार करने के साथ ही उन्हें डायरिया से बचाव की जानकारियां भी दे रही हैं। घर-घर जाकर लोगों को क्लोरीन की गोली बांटी जा रही है। उधर गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में अब भी डायरिया से पीडि़त मरीजों का आना जारी है। सिटी में एसीएमओ डॉ। राहुल सिंह के नेतृत्व में डॉक्टर्स व सहायकों की टीम ने घर-घर पहुंचकर जरूरी दवाओं का वितरण किया।

हाई एलर्ट जोन में पहुंची टीम

डायरिया को लेकर जलालीपुरा, अमरपुरा, सरैया व कोटवां को हाई एलर्ट जोन घोषित किया गया है। यहां सीएमओ के निर्देश पर मंगलवार को एसीएमओ डॉ। जंग बहादुर के नेतृत्व में टीम ने मुस्लिमपुरा के आसपास के भ्0 घरों में क्लोरीन व दवाओं का वितरण किया। इस दौरान लोगों को जागरूक भी किया कि गया कि वे क्लोरीन युक्त पानी ही पीएं।

बढ़ रही बीमारी, खत्म हुई जिम्मेदारी

पिछले एक पखवारे से कोटवां के डिहवा, तडि़या, मुस्लिमपुरा आदि क्षेत्रों में चेचक और डायरिया ने प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। हालांकि कैंप लगाने और पीडि़तों में दवाओं के वितरण से ही इस मर्ज पर तब तक कंट्रोल नहीं पाया जा सकता है जब तक कि क्षेत्र की सड़कों पर बहते सीवर पर रोकथाम व नालों की प्रॉपर साफ-सफाई नहीं होगी। बीमारियों का प्रकोप बढ़ने का मुख्य कारण नालों व सीवर का पानी ही है।

एसीएमओ के नेतृत्व में टीम ने कोटवा सहित कई एरियाज में पहुंचकर लोगों का चेकअप किया। घर-घर जाकर दवाएं वितरित की जा रही हैं।

डॉ। वीबी सिंह

सीएमओ