-पोषण पुनर्वास केंद्र में नहीं है एक्सपर्ट चिकित्सक, न्यूट्रीशियन भी हैं इंजर्ड

-तीन स्टाफ नर्स के भरोसे चल रहा है केंद्र, डीडीयू हॉस्पिटल में बनाया गया है दस बेड का कुपोषण वॉर्ड

VARANASI

अब इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहें या लाचारी, जिन कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट कराने के लिए योजना दर योजना बनाकर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है उन कुपोषित बच्चों का सही से चेकअप के लिए एक्सपर्ट चिकित्सक ही नहीं हैं। मई मंथ के शुरुआत में पीडियाट्रिक्स डॉ। गौतम के एनआरसी से हटने के बाद यहां बिना एक्सपर्ट के ही कुपोषण से लड़ाई लड़ी जा रही है। वहीं न्यूट्रीशियन डॉ। विदिशा शर्मा भी हाथ में फ्रैक्चर होने के कारण अपनी सेवाएं प्रॉपर रूप से नहीं दे पा रही हैं। इधर रूरल एरिया से भी कुपोषित बच्चों के आने का सिलसिला जारी है। इनकी जिम्मेदारी तीन स्टाफ नर्स पर है। ऐसे में कुपोषित बच्चों का बेहतर चेकअप होने की उम्मीद करना बेमानी होगी।

माहौल नहीं ठीक, हो रही जिच

पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दस बेड के पोषण पुनर्वास केंद्र में रूरल एरिया से रेफर होकर आने वाले कुपोषित बच्चों को एडमिट कराने को लेकर अब दिक्कत भी फेस करनी पड़ रही है। सिर्फ दस बेड पर ही कुपोषित बच्चे एडमिट किये जा रहे हैं। ऐसे में सीएचसी-पीएचसी से रेफर होकर आने वाले कुपोषित बच्चों को एडमिट कराने के लिए संबंधित केंद्रों के डॉक्टर्स, आशाएं, एएनएम का पोषण केंद्र के स्टाफ से जिच भी हो रही है।

पोषण में आ गई है कमी

पुनर्वास केंद्र में एडमिट होने वाले बच्चों को 7.भ् व एफक्00 के तहत मिक्स डाइट दिया जाता है। शुरू में तीन दिन बच्चों को 7.भ् पर रखा जाता है। इसमें बच्चों को अनाज कम और नमक, चीनी, पानी का घोल अधिक दिया जाता है। जब बच्चों में कुछ सुधार होता है तो एफक्00 में उन्हें पानी की मात्रा कम दी जाती है और अनाज व दूध की मात्रा बढ़ाई जाती है। मिक्स डाइट में साबूदाना का हलुआ, खिचड़ी, दलिया व अंडा भी शामिल हैं। हालांकि इन दिनों यह डाइट भी बच्चों को सही से नहीं मिल पा रहा है।

नहीं बढ़ेगा बेड

गवर्नमेंट हॉस्पिटल के पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को एडमिट कराने पर आशाओं, एनएम को प्रोत्साहन राशि के तौर पर सौ रुपये प्रति बच्चा दिया जाता है। 'बच्चा लाओ, इनाम पाओ' की तर्ज पर अप्रैल माह में इस योजना के शुरू होने के बाद डीडीयू हॉस्पिटल का पोषण पुनर्वास केंद्र कुपोषित बच्चों से फुल चल रहा है। मार्च-अप्रैल में जहां कुपोषित बच्चों की संख्या चार-पांच रहती थी। वहीं मई माह में फ्भ्-ब्0 के पार रही। जिसे देखते हुए दस बेड के अलावा दो अन्य वॉर्ड भी बनाये गये थे लेकिन अब सिर्फ दस बेड पर ही बच्चे एडमिट किये जाएंगे।

बच्चे के साथ मां को भी आहार

कुपोषित बच्चों के साथ रहने वाली माताओं को भी दो टाइम भोजन और एक टाइम ब्रेक फास्ट दिया जाता है। इसके अलावा जितने दिन तक कुपोषित बच्चा पोषण पुनर्वास केंद्र में एडमिट रहेगा तब तक माताओं को डेली के हिसाब से भ्0 रुपये भी दिये जाएंगे। पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित प्रेग्नेंट लेडी भी एडमिट हो सकती हैं।

ब्लॉकवार चिन्हित कुपोषित

अराजीलाइन ख्,ख्78

सेवापुरी क्,फ्ख्भ्

चिरईगांव क्,क्ब्ब्

पिंडरा 77फ्

काशी विद्यापीठ क्,क्म्क्

हरहुआ 7ख्ख्

बड़ागांव म्ब्9

चोलापुर 8ख्9

सिटी एरिया फ्,म्8भ्

-डिस्ट्रिक्ट में चिन्हित हैं साढ़े बारह हजार कुपोषित बच्चे।

एडमिट रिपोर्ट

माह कुपोषित बच्चे

जनवरी 9

फरवरी फ्

मार्च म्

अप्रैल क्9

मई फ्म्

जून अब तक ख्भ्

(नोट-पोषण पुनर्वास केंद्र से मिले आंकड़ों पर आधारित)

एक्सपर्ट डॉक्टर की तैनाती की जा रही है। पीडियाट्रिक्स डॉ। ज्योति को पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजा डा रहा है। बाकी कुपोषण वॉर्ड में कोई दिक्कत नहीं है।

डॉ। वीबी सिंह

सीएमओ