-काउंसिलिंग प्रेगनेंट वीमेन फॉर कोविड 19 वैक्सीन गाइडबुक के माध्यम से दी जा रही सलाह

-गर्भवती कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड अनुरूप व्यवहार का करें पालन

सिर्फ सामान्य लोगों में ही नहीं, कोरोना संक्रमण का खतरा गर्भवती महिलाओं में भी है। खासकर उनमें, जो प्रेगनेंट होने के साथ मोटापे और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित हैं। ऐसे में इन्हें खुद के केयर की ज्यादा जरूरत है। ऐसी वूमेंस के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बकायदा काउंसिलिंग प्रेगनेंट वीमेन फॉर कोविड 19 वैक्सीन गाइड बुक जारी की है। इस बुक में गर्भवती के कोविड टीकाकरण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गयी है। गाइडबुक को विशेष रूप से फ्रंटलाइन वर्कर्स को तैयार किया गया है, जिसकी मदद से वह गर्भवती को कोविड टीकाकरण से संबंधित सही सलाह देकर टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित करने में उनकी मदद कर सकते हैं।

गर्भस्थ शिशु की सेहत पर पड़ सकता है असर

मंत्रालय ने गाइडबुक के जरिये बताया है कि प्रेगनेंट वूमेन को भी कोविड संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। अधिकतर में एसिम्टोमेटिक या हल्के लक्षण दिख सकते हैं। हल्के लक्षणों के बावजूद संक्रमण से उनके स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है, जो गर्भस्थ शिशु की सेहत पर असर डाल सकता है। गर्भवती को कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए उनके टीकाकरण की सलाह दी जा रही है। प्रगनेंट वूमेन या उनके परिजन कोविड टीकाकरण के संबंध में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से भी जरुरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

सिम्टोमेटिक प्रेगनेंट में अधिक खतरा

गाइडबुक में यह भी कहा गया है कि अधिकतर संक्रमित प्रेगनेंट वूमेन बिना किसी अस्पताल में भर्ती हुए ठीक हुई हैं, लेकिन कुछ प्रेगनेंट वूमेन में गंभीर मामले भी देखने को मिले हैं। सिम्टोमेटिक में जान का खतरा भी होता है, इसलिए उन्हें अन्य मरीजों की तरह ही अस्पताल में एडमिट कराना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही वह प्रेगनेंट वू्रमेन जिनकी उम्र 35 वर्ष से अधिक है, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर (उच्चरक्तचाप) व डायबिटीज से पीडि़त हों उन्हें संक्रमण का खतरा होने की संभावना अधिक होती है।