वाराणसी (ब्यूरो)पुलिस की सख्ती और हाईटेक सिस्टम से लैस होने के बावजूद वाराणसी में साइबर ठगी की घटनाएं रुक नहीं रही हैइन घटनाओं में झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल के साइबर क्रिमिनल की संलिप्ता सामने आ रही हैंलोकेशन अन्य प्रदेशों का होने के कारण इन पर शिकंजा मुश्किल हो रहा था, लेकिन पुलिस अब साइबर क्रिमिनल पर एक्शन की तैयारी में हैसारनाथ स्थित वाराणसी रेंज के साइबर थाने में प्रदेश में पहली बार अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई हैहिस्ट्रीशीट के जरिए साइबर ठगी के विभिन्न मामलों में नामजद अपराधियों पर निगरानी रखी जाएगीइन अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट में भी केस दर्ज होगाइस संबंध में जालसाजों के जिले की पुलिस से पत्राचार किया गया है.

दुमका के प्रमोद पर 17 मुकदमा

आईजी रेंज केसत्यनारायण ने साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के निर्देश जारी किए हैंइस क्रम में चार अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खुली हैउनमें झारखंड के दुमका जिले के सरैयाहाट का प्रमोद कुमार मंडल, धनबाद में मनिया डीह का मंटू कुमार मंडल, बिहार में जहानाबाद जिले के बिगहा का चंदन सागर उर्फ चंदन कुमार और बलिया में हल्दी का संदीप कुमार चौबे उर्फ लकी हैझारखंड और यूपी के कई जिलों में सक्रिय प्रमोद कुमार पर जालसाजी के कुल 17 मुकदमे दर्ज हैंमंटू पर आठ और चंदन व संदीप पर क्रमश पांच तथा तीन मुकदमे हैं.

पेंशन धारकों को बनाया निशाना

झारखंड के जालसाजों ने पेंशनरों को निशाना बनाया थाउनसे जिले के कोषागार विभाग के कर्मचारी के रूप में पेंशन संबंधी सुधार के लिए ओटीपी मांगी थीउन्होंने बलिया के सुरेमनपुर निवासी सुदर्शन राम के खाते से 40 लाख रुपये और बड़ागांव के छेदीलाल के खाते से 16 लाख रुपये निकाल लिए थेसुदर्शन राम का बैंक अकाउंट वाराणसी में है.

अब तक 119 केस दर्ज 52 लाख की रिकवरी

10 अगस्त 2020 को वाराणसी रेंज के लिए सारनाथ में साइबर थाना खुलाउसमें अब तक 119 मुकदमे दर्ज हुए हैंउनमें 115 मुकदमों का निस्तारण हुआ हैप्रभारी निरीक्षक विजय नारायण सिंह ने बताया कि साइबर ठगी के मामलों में करीब 52 लाख रुपये वापस हो चुके हैं.

गाइडलाइन पर दें ध्यान

-सोशल मीडिया पर प्रदर्शित होने वाले नामी कंपनियों के जॉब ऑफर पर तुरंत क्लिक नहीं करें, अधिकतर फर्जी होती हैअप्लाई या भरोसा करने से पहले संबंधित कंपनी के आफिस या अधिकृत वेबसाइट पर जाकर इसकी तहकीकात करें.

-अपनी बैंकिंग संबंधित गोपनीय जानकारी जैसे एटीएम तथा क्रेडिट कार्ड का सीवीवी नंबर, ओटीपी, यूपीआई पिन, अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड किसी भी अज्ञात व्यक्ति से साझा ना करें.

-किसी के कहने पर स्क्रीन शेयरिंग एप जैसे एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम विवर, अल्पीमिक्स आदि ना डाउनलोड करें, इससे आपका मोबाइल हैक हो सकता है.

-इस बात का ध्यान रखें कि यूपीआई पिन डालने तथा कोई भी पेमेंट रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने या क्यूआर कोड स्कैन करने से आपके खाते से ही पैसे कटेंगे.

-कोई भी अपरिचित वीडियो कॉल उठाने से बचें.

-साइबर फ्र ॉड का शिकार हो जाने पर तत्काल साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, वेबसाइट या नजदीकी पुलिस स्टेशन के साइबर हेल्पडेस्क पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं.

सारनाथ का साइबर थाना रेंज का पहला थाना है, जहां साइबर ठगों की हिस्ट्रीशीट खुली हैचंदौली, गाजीपुर और जौनपुर में भी साइबर थाने खोले जाएंगे, ताकि रेंज के थाने पर मुकदमों का भार कम हो सके.

के सत्यनारायण, आईजी रेंज