वाराणसी (ब्यूरो)। शहर के अति व्यस्ततम कैंट रेलवे स्टेशन पर इन दिनों अतिक्रमण का आलम यह है कि यात्रा पर जाने वाले लोगों को इंट्री गेट को खोजना पड़ रहा है। स्टेशन के मेन गेट पर आटो चालकों द्वारा लोकल सवारियों को बैठाने के लिए मेन गेट पर ऑटो खड़ा कर ब्लाक कर देते हैैं। इससे गाड़ी पकडऩे के लिए जाने वालों यात्रियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इतना ही जल्दबाजी करने पर लोग गिरकर घायल भी हो रहे हैैं। अल सुबह से लेकर आधी रात तक कैंट रेलवे स्टेशन के मेन गेट पर आटो पार्क अतिक्रमण बदस्तूर जारी है। यह अलग बात है कि स्टेशन प्रबंधन को यह सब नहीं दिखता है। बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक यात्रियों को आटो चालकों की मनमानी से परेशान होते रहना होगा।
रोजाना लाखों लोगों का आना-जाना
कैंट रेलवे स्टेशन शहर का प्रमुख रेलवे स्टेशन है। रोजाना देश के कोने-कोने से लाखों की तादात में यात्री आते और जाते हैैं। इसके मुख्य गेट पर हाल के महीनों से आटो चालकों ने अतिक्रमण कर अवैध स्टैैंड के रूप में तब्दील कर लिया है। यहां दर समय दर्जनों की तादात में आटो पार्क किए जाते हैैं। इससे सदैव जाम की स्थिति और इधर से गुजरने वाले यात्रियों को फजीहत होती है। शुक्रवार को मुबंई जा रहे चंद्रभान आटो से उतरते ही उनके मुंह से निकल पड़ता है किधर गया कैंट रेलवे स्टेशन का मेन गेट। गजब फिल्मी सीन है। लगेज लेकर जाने में बहुत परेशानी हो रही है।
मुसीबत से कम नहीं ठेला दुकान
कैंट रेलवे स्टेशन के मेन गेट के पास ही या यूं कहिए कि पूरे स्टेशन से लगायत सड़क पर ठेला-गुमटी वाले दुकानदारों ने अतिक्रमण कर अवैध रूप से अपनी दुकान चला रहे हैैं। जांच या निगरानी से बेखौफ ये दुकानदार निम्नस्तर के खान-पान के सामानों की बिक्री करते हैैं। साथ ही मनमाने रुपये भी ऐंठते हैैं। इन पर भी कार्रवाई की जरूरत है, ताकि शहर की खूबसूरती और स्टेशन को जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.
सिस्टम की मेहरबानी
स्टेशन से लगायत सड़क पर खाने-पीने की ठेले की दुकान चलाने वाले ने बताया कि सब सिस्टम की मेहरबानी से चलता है। इसके लिए बकायदा वसूली भी की जाती है। नहीं देने पर उसे दुकान लगाने नहीं दिया जाता है। साथ ही साठ-गांठ रखने वाले स्थानीय मनबढ़ मुफ्त में खाते हैैं और रुपए मांगने पर कहते हैैं कि दुकान लगानी है या नहींं।
परमानेंट इलाज की दरकार
अमूमन देखा गया है कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चलाने के बाद वे कुछ ही दिनों में पुन काबिज हो जाते हैैं। अतिक्रमणकारियों की लोकल सांठ-गांठ के नेटवर्क को ध्वस्त कर शहर को जाममुक्त और स्मूथ ट्रैफिक व्यवस्था के लिए आसान बनाया जा सकता है।
अतिक्रमण हटाओ दस्ते को लेकर शहर के चिह्नित एरिया में अतिक्रमण हटाने का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। रेलवे, ट्रैफिक और प्रशासन से सामजस्य बनाकर अभियान चलाया जाएगा। अतिक्रमण शहर के किसी भी कोने में क्यों न हो, दस्ता हटाकर ही दम लेगी।
दुश्यंत कुमार मौर्य, एडिशनल कमिश्नर, नगर निगम
स्टेशन परिसर के मेन गेट से रोजाना अवैध तरीके से सवारी बैठाने वाले आटो चालकों को हटाया जाता है। लेकिन, ये फिर काबिज हो जाते हैैं। मेन गेट और लगायत सड़कों पर आटोचालकों और अवैध वेंडरों के अतिक्रमण को परमानेंट हटाने के लिए रणनीति बना ली गई है। इनपर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
लालजी चौधरी, एडीआरएम, नॉर्थ रेलवे, वाराणसी
ये बोले पैसेंजर्स
मुझे इलाहाबाद जाना है। मेन गेट पर लगे ऑटो की वजह से परेशानी हो रही है। बेहतर होता कि यहां एक जवान की तैनाती हो, जो अवैध तरीके से वाहन पार्क करने वाले आटो चालकों पर कार्रवाई करे।
राहुल सिंह, यात्री
नई दिल्ली से आ रहा हूं और यहां की अव्यवस्था देख हतप्रभ हूं। आखिर बनारस भी तो स्मार्ट सिटी है। फिर हर और यहां अतिक्रमणकारियों का बोलबाला क्यों हैैं.
प्रिंस मौर्य, यात्री
कम समय होने पर इन आटोचालकों की मनमानी के चलते ट्रेन ही छूट जाएगी। मेन गेट जाम है, इसमें से लगेज को कैसे जे जाया जाए। कुछ बोलोगे तो विवाद करने लगेंगे.
चंद्रभान कुमार, यात्री