- बीएचयू अस्पताल में हुए ब्लास्ट को लेकर अब तक फंसा है पेंच, बीएचयू हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट का अब तक इंतजार

- कचहरी में मिले हैंड ग्रेनेड का भी नहीं चला है अब तक कोई पता

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में हुई दो बड़ी घटनाओं की जांच कहीं फंस गई है। ये दो घटनाएं हैं बीएचयू अस्पताल में हुआ धमाका और कचहरी में मिला हैंड ग्रेनेड। बीएचयू ब्लास्ट सात मई को हुआ और जांच के लिए बीएचयू प्रशासन से लगायत लोकल एड्रमिनिट्रेशन जुट गया लेकिन ब्लास्ट होने के बाद इतने दिन बीत जाने के बाद अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि ब्लास्ट था कैसा? वहीं 23 मई को कचहरी में एक पैकेट में मिले हैंड ग्रेनेड की गुत्थी भी अब तक उलझी हुई है। जिसके बाद सवाल ये उठने लगा है कि बनारस जैसे सेंसेटिव शहर में हुए दो बड़े मामलों की पड़ताल आखिर फंसी कहां है?

लखनऊ में फंसा है मामला

बीएचयू ब्लास्ट मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई हैं। हालांकि एटीएस की ओर से ब्लास्ट के तीसरे दिन ही ये रिपोर्ट सौंप दी गई थी कि धमाका कोई साजिश नहीं बल्कि लापरवाही की देन थी। हालांकि इसके बाद एटीएस और टेक्टिनकल टीम को जॉइंटली नये सिरे से मामले की जांच के लिए लगाया गया है और जांच रिपोर्ट लखनऊ में तैयार हो रही है। उम्मीद है कि 30 मई तक जांच रिपोर्ट मिल जायेगी। वहीं बीएचयू की तरफ से हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट का अब तक कोई पता नहीं है। इस बारे में एसएसपी आकाश कुलहरि का कहना है कि रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। एटीएस की पहली रिपोर्ट में साजिश की बात से इनकार किया जा चुका है और एसी ब्लास्ट की बात सामने आई है। इसलिए फाइनल रिपोर्ट में जिसकी भी गलती सामने आएगी उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं 23 मई को कचहरी में मिले हैंड ग्रेनेड की पड़ताल में ग्रेनेड सेना का तो निकला है लेकिन कबाड़ के रूप में। हालांकि अब तक ये सवाल अब भी बना हुआ है कि कबाड़ ग्रेनेड कचहरी कैंपस में कैसे पहुंचा?