-अपर मुख्य सचिव ने दीनदयाल हॉस्पिटल का किया inspection

-मेडिकल वार्ड में मरीजों ने खोली चिकित्सकों की पोल

VARANASI

गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में बेड, दवा, खाना सब फ्री है लेकिन इसके बावजूद मरीजों को बाहर का सहारा लेना पड़ रहा है। अमूमन अधिकतर दवाएं तो मरीजों को बाहर से ही खरीदनी पड़ती है। चिकित्सकीय स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल जानने मंगलवार को पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिन्हा के सामने मरीजों ने चिकित्सकों की पोल खोल कर रख दी। हुआ यूं कि मेडिकल वॉर्ड में इंस्पेक्शन के दौरान अपर मुख्य सचिव ने मरीजों से पूछा कि कोई दिक्कत? दवाएं, उपचार सही से हो रहा है न? इतना सुनते ही कुछ मरीजों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बोल दिया कि सब व्यवस्था ठीक है बस बाहर से कुछ दवाएं लेनी पड़ती हैं। इस पर अपर मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को ताकीद की कि बाहर से दवाएं न मंगवायी जाएं। निर्देश दिया कि जो दवाएं स्टोर में न हों उसकी पर्चेजिंग कराएं।

खामियों पर दिलाया ध्यान

अपर मुख्य सचिव हॉस्पिटल कैंपस की साफ-सफाई से काफी संतुष्ट नजर आए, हालांकि और बेहतर सफाई व्यवस्था बनाएं रखने के लिए सीएमएस को निर्देश दिया। उन्होंने नवनिर्मित डायलिसिस यूनिट का भी इंस्पेक्शन किया, डायलिसिस करा रहे मरीजों से फीडबैक भी लिया। कुछ खामियों पर अधिकारियों का ध्यान भी आकृष्ट कराया।

कुपोषित बच्चा देख हुए खफा

डिस्ट्रिक्ट में कुपोषित बच्चों की संख्या दस हजार के पार है। कुपोषित बच्चों को बेहतर चिकित्सा लाभ के लिए डीडीयू हॉस्पिटल में दस बेड का पोषण पुनर्वास केंद्र बनाया गया है। यहां सिर्फ एक बच्चे को एडमिट देख अपर मुख्य सचिव खफा हो गये। उन्होंने चिकित्साधिकारियों को आदेश दिया कि इस यूनिट का लाभ कुपोषित बच्चों को मिले कुछ ऐसा इस दिशा में कार्य करें। इंस्पेक्शन के दौरान सीएमओ डॉ। वीबी सिंह, संयुक्त निदेशक डॉ। अंशु सिंह, डॉ। मनीषा सिंह, सीएमएस डॉ। एसके उपाध्याय आदि रहे।