वाराणसी (ब्यूरो)अच्छी कद-काठी, बोली पुलिस वाली, पहनावा अधिकारियों जैसाऐसे में अर्दब में आना स्वाभाविक हैजी, हां, हम बात कर रहे हैं ईरानी गैंग की, जिसने इन दिनों बनारस में गदर मचा रखा हैहालांकि वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस भी हाथ-धोकर इनके पीछे पड़ी है और अब तक गैंग के 10 सदस्य सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैंइन पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ में सामने आया है कि इस समय गैंग के लगभग 200 सदस्य पूरे यूपी में फैले हुए हैंये लखनऊ, आगरा, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा आदि शहरों में वारदात को अंजाम दे रहे हैंतफ्तीश में सामने आया है कि गैंग के सदस्य मूल रूप से एमपी के भोपाल व आसपास के जिलों के निवासी हैंगैंग के सदस्य स्पेशल 26 की तर्ज पर फर्जी सीबीआई, कस्टम या पुलिस वाले बनकर बुजुर्ग महिलाओं को लूट का शिकार बना रहे हैंइसके लिए सुपर पुलिस कॉप की दो टीमें बनाई गई हैं, जो एमपी में जाकर इनकी हिस्ट्री खंगालेगी.

ईरान से आकर बसे हैं एमपी में

फर्जी सीबीआई, कस्टम या पुलिस बनकर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले ईरानी गैंग में शामिल लोग कौन हैंइन्हें ईरानी क्यों कहा जाता है के सवाल पर चौंकाने वाला सच सामने आया हैतफ्तीश में पता चला है कि ईरानी गैंग के लोग मूल रूप से एमपी के भोपाल और आसपास के जिलों में रहते हैंइनके पूर्वज ईरान देश के रहने वाले हैंकरीब 40 साल पहले ईरान में साम्प्रदायिक तनाव के चलते कई परिवार भारत आए और भोपाल गैस कांड के दौरान जब लोग वहां जाने से बचते थे, तब ये ईरानी लोग वहां गए और मुस्लिम आबादी के ईद-गिर्द बस गएलोगों में घुलने-मिलने के बाद भोपाल के मूल निवासी भी बन गए

माल व पैसा ले जाते हैं एमपी

पुलिस के अनुसार ईरानी गैंग के सदस्य मध्य प्रदेश के भोपाल में रहते हैंये वारदात के लिए दूसरे प्रदेश के जिलों में आते हैंकई गुट में बंट जाते हैंइसके बाद अलग स्थान पर जाकर वारदात करते हैंबनारस के अलावा इनकी लोकेशन लखनऊ, आगरा, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, दिल्ली, चेन्नई, महाराष्ट्र के पुणे, गोवा में मिली हैवहां भी गैंग के सदस्य सैकड़ों वारदात कर चुके हैंये लूट का माल व पैसा कलेक्ट कर एमपी लौटते हैंजनवरी 2020 में मध्य प्रदेश के खंडवा रेलवे स्टेशन पर करोड़ों के जेवरात सहित गैंग के सदस्य पकड़े गए थे

कुंडली खंगालेगी पुलिस

टप्पेबाजी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने ईरानी गैंग को पूरी तरह से खत्म करने का प्लान बनाया हैइसके लिए पुलिस की दो स्पेशल टीम बनाई गई हैये एमपी जाकर पकड़े गए सदस्यों की क्राइम कुंडली खंगालेगीपरिवारिक इतिहास भी जानने का प्रयास करेगीएमपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दे दी गई हैइसके अलावा यूपी के सभी एडीजी जोन को भी सूचना दे दी गई हैपकड़े गए गैंग मेंबर्स का विवरण भी एक-दूसरे से शेयर किया गया है.

मंहगे होटलों में ठिकाना

गैंग के सदस्य पुलिस से बचने के लिए महंगे होटलों में रुकते हैंसुबह और शाम को वॉक पर निकलने वाले बुजुर्गों को चिह्नित कर एक दो दिन उनपर नजर रखते हैंइसके बाद सुनसान जगह चिह्नित कर उन्हें रोककर लूट की घटना का डर दिखाकर चेकिंग के नाम पर ज्वेलरी उतरवा लेते हैं और कागज में लपेटने के बहाने बदल देते हैंपुलिस जैसा हुलिया होने की वजह से इनपर लोगों को शक नहीं होतापुलिस के अनुसार मास्टरमाइंड भोपाल का अबू हैदर और मेंहदी हसन गैंग को संचालित करने के लिए एक से दूसरे शहर जाने के लिए हवाई सफर करते हैं.

नई गाड़ी का करते हैं इस्तेमाल

चेकिंग के दौरान पुलिस से बचने के लिए गिरोह के सदस्य नई गाड़ी का इस्तेमाल करते हैंहेलमेट लगाने से लेकर इनके पास गाड़ी के पूरे पेपर रहते हैंशहर से बाहर जाने से पहले बाइक बेच देते हैंदोबारा लौटने पर नई बाइक खरीदते हैंपुलिस का कहना है कि एक शहर में एक माह से ज्यादा नहीं रुकते.

बहुत जल्द ही ईरानी गैंग का सफाया हो जाएगाविशेष प्लान के तहत दो स्पेशल पुलिस टीम बनाई गई है, जो एमपी जाकर अब तक बनारस, आगरा समेत कई शहरों में पकड़े गए गैंग के सदस्यों के बारे में पूरी जानकारी करेगीइनका आपराधिक इतिहास भी खंगालेगीइनपुट के आधार पर आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा.

-ए सतीश गणेश, पुलिस कमिश्नर