वाराणसी (ब्यूरो)बनारस की सड़कों पर बिना पंजीकरण नंबर व खस्ताहाल में दौड़ रहे अवैध ई-रिक्शा में सफर खतरनाक साबित हो सकता हैबिना मानकों के तैयार होने वाले यह ई-रिक्शा हल्की टक्कर से भी हादसाग्रस्त हो सकते हैंसस्ते ई-रिक्शा के चक्कर में इनके मालिक न सिर्फ हजारों रुपये गंवा रहे हैं, बल्कि सवारियों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैंपरिवहन विभाग और यातायात पुलिस के तमाम अभियानों के बाद भी सड़कों पर अवैध ई-रिक्शा दौड़ते दिखाई देते हैंयह ई-रिक्शा इतने हल्के होते हैं कि हल्की टक्कर में भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैंपरिवहन विभाग में कई ऐसे लोग पहुंच रहे हैं, जिनके ई-रिक्शा की एक साल में ही बुरी हालत हो गई है.

विभाग में पहुंचे शमीम ने बताया कि उन्होंने करीब दो महीने पहले पड़ाव से ई-रिक्शा खरीदा थाजैसे ई-रिक्शा को बाहर लेकर निकले एक बाइक से टक्कर हो गई और ई-रिक्शा के कई हिस्से टूट गएउन्होंने कहा कि 65 हजार रुपये में ई-रिक्शा खरीदा थाउसके जो दस्तावेज दुकानदार ने दिए थे, उसे परिवहन अधिकारी ने वैध नहीं बताया हैहादसे के कई दिन तक दुकानदार दौड़ता रहा लेकिन उसने न तो पैसे दिए और न ही ई-रिक्शा दुरुस्त करके दिया.

50 से अधिक कंपनियों के वैध बिक्री केंद्र

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनियों द्वारा वैध 50 से अधिक ई-रिक्शा बिक्री केंद्र जिले में हैसरकार द्वारा निर्धारित मानकों के मुताबिक कंपनियां ई-रिक्शा का निर्माण कर बेचती हैंयह ई रिक्शा महंगे होते हैंइनमें सफर अवैध ई रिक्शा की तरह जोखिम भरा नहीं होताएआरटीओ प्रशासन ने कहा कि बिक्री केंद्र पर ही ई-रिक्शा का पंजीकरण नंबर जारी कर दिया जाता हैऐसे में चालक को पंजीकरण नंबर के लिए परिवहन विभाग कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं है.

दस हजार ई-रिक्शा रजिस्टर्ड

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक करीब दस हजार ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैबीते दो साल में रजिस्टर्ड ई रिक्शा की संख्या बढ़ी हैअधिकारी इस बात को मानते हैं कि अवैध ई रिक्शा की संख्या भी जिले में अधिक है.

जब्त किए जाते हैं अवैध वाहन

शहर में समय-समय पर अभियान चलाकर अवैध ई-रिक्शा जब्त किए जाते हैंई रिक्शा जब्त करने के बाद कटवा दिया जाते हैचालक अवैध ई-रिक्शा न चलाएं.

ऐसे कई लोग कार्यालय में पहुंचते हैं जो बताते हैं कि उन्होंने करीब छह माह से एक साल पहले की रिक्शा खरीदा था और उसकी हालत काफी खराब हो गई हैचालक बताते हैं कि ई रिक्शे में हल्की टक्कर लगने पर भी काफी नुकसान हो जाता हैउन्होंने कहा की इन्हें चाइनीज ई-रिक्शा कहा जाता है, जो बगैर मानको के तैयार होते हैंइनमें उपकरण भी पुराने और काफी खराब क्वालिटी के लगाए जाते हैं.

सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन