वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञानवापी मस्जिद में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले शिवङ्क्षलग की पूजा और राग-भोग-आरती के अधिकार को लेकर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर महंत परिवार कोर्ट जाएगा। महंत डा। कुलपति तिवारी ने बताया कि आदि विश्ववेश्वर मंदिर के पूजा-पाठ का दायित्व उनके पूर्वज ही निभाते रहे हैं। साढ़े तीन सौ वर्षों के बाद जब पुन: बाबा सबके सामने आ गए हैं तो उनकी नित्य पूजा-अर्चना भी आरंभ हो जानी चहिए। पूजा-पाठ आदि का आधिकार महंत परिवार को मिलना चाहिए। इस मांग को लेकर वे जिला अदालत में वाद दाखिल करेंगे। वकीलों की टीम ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर वकालतनामा तैयार कर रही है। सब कुछ योजना अनुरूप रहा तो 23 मई को वाद दाखिल कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मस्जिद के तहखाने में कई और शिवङ्क्षलग विराजमान हैं। विश्ववेश्वर ङ्क्षलग सहित उस परिसर में विराजमान सभी शिवङ्क्षलगों के नित्य पूजन-अर्चन का अधिकार महंत परिवार को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा सबके हैं। हर कोई बाबा की पूजा करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन पूजन-अर्चन के साथ राग-भोग और शृंगार की व्यवस्था भी शास्त्रों के अनुसार चलती रहे इसके लिए महंत परिवार को दायित्व दिया जाना जरूरी है.
बता दें कि इससे पहले श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद भी ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवङ्क्षलग की पूजा-भोग-आरती का अधिकार मांग चुका है। न्यास अध्यक्ष प्रो। नागेन्द्र पांडेय का कहना था कि जब तक विवाद का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक इसका अधिकार न्यास को दिया जाना चाहिए। इसके लिए वे भी कोर्ट जाने की तैयारी में हैं.