वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में न उमस कम हो रही है और न ही भीषण गर्मी से निजात मिल रही है। इस साल तो पब्लिक को गर्मी बेरहमी से रौंदती जा रही है। विगत सालों के अवलोकन में साल 2021 और साल 2020 में मई के फस्र्ट व सेकेंड वीक में अब तक कई राहत की बौछारें पड़ चुकी थीं। मंगलवार को धधकती गर्मी और स्कीन को जलाती लू के डर से लोग जरूरी काम को छोड़कर घर से बाहर नहीं निकले। अब तो आलम यह है कि घाट, पार्क और पब्लिक प्लेसेज पर शाम को छह बजे के बाद ही दिख रहे हैैं। वहीं, रात में उमस ने रातों की नींद भी उड़ा दी है और मच्छरों के हमले से लोग अब तनाव में आ रहे हैैं। बहरहाल अब नागरिकों के स्वास्थ्य बैलेंस के लिए अब तापमान का डाउन होना और मौसम का खुशगवार होना बहुत जरूरी हो गया है। मौसम वैज्ञानिक का अनुमान है कि आगामी कुछ दिनों में शहर में हल्की बारिश और आंधी चलने का अनुमान है।
मानसून ही निकालेगा वातावरण से गर्मी
मंगलवार को तापमान मैक्सिमम 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। पब्लिक की मौसम से नाराजगी इस बात से है कि, इन्हें बारिश से काफी उम्मीद थी कि बारिश होने पर मौसम सदाबहार हो जाएगा, लेकिन अभी इनकी उम्मीदें हकीकत से कोसों दूर हैैं। मौसम वैज्ञानिक का अनुमान है कि मानसून की बरसात से ही अब उमस और गर्मी से पूरी तरह निजात मिल सकती है। अभी कोई चांस नहीं दिख रहा है। हवा की स्पीड भी कम होकर 6 किलोमीटर प्रति घंटे पर आ गई है। वातावरण में कभी भी अंधड़ चलने के भी आसार हैैं.
उमस ने किया बेहाल
फिलहाल, वातावरण में 41 फीसदी से अधिक की नमी व्याप्त है, जो दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में बारिश होने के बाद से ही उमस और चिपचिपी गर्मी से निजात मिल सकती है। लेकिन, बारिश के न होने से यह नमी उमस के रूप में लोगों को पसीने से तर-बतर कर रख दिया है। पूरे दिन शहर की सड़कों और इमारतों से तेज आंच निकल रही है। दोपहर की धूप के साथ हवा की नमी भाप की तरह से तन-बदन को जला रही है।