-मुगलसराय स्टेशन के लोको कॉलोनी के टीआरएस शेड में रेल अधिकारियों का बन रहा है लोहे का स्टैंडनुमा झूला, इलेक्ट्रिक इंजन की होती है टीआरएस शेड में रिपेयरिंग

-पद का दुरुपयोग कर रहे पूर्व मध्य रेलवे के रेल अधिकारी, झूला के अलावा भी कई सामान होते हैं टीआरएस शेड में तैयार

mughalsarai

एशिया के सबसे बड़े यार्ड मुगलसराय रेल डिवीजन में अब इलेक्ट्रिक इंजन की रिपेयरिंग छोड़कर स्टैंडनुमा झूला का निर्माण किया जा रहा है। रेल अधिकारी अपने क्वार्टर के गार्डेन की शोभा बढ़ाने के लिए लोहे का स्टैंडनुमा झूला बनवा रहे हैं जो कि रेलवे रूल्स के मुताबिक यह एक गलत कदम है। लेकिन चूंकि क्लास टू अफसर है तो फिर काहे का डर। पूर्व मध्य रेलवे के इलेक्ट्रिक लोको टीआरएस शेड में इलेक्ट्रिक इंजन की रिपेयरिंग के अलावा लोहे के शानदार झूला का निर्माण किया जा रहा है। सोर्स की मानें तो लोको कॉलोनी से सटे टीआरएस शेड में डिवीजनल इलेक्ट्रिक इंजीनियर (डीईई) का झूला तैयार हो रहा है। इंजन की रिपेयरिंग करने वाले स्टाफ अपना काम खत्म करने के बाद झूला निर्माण में कलाकारी दिखाने में जुट जा रहे हैं।

रेलवे का लोहा, कोच की सीट

एक तरह से कहा जाए तो झूले में यूज होने वाले सभी मैटीरियल्स रेलवे से जुड़े हुए हैं। लोहे से लेकर ट्रेन के कोच में लगने वाली सीट भी झूला में लगाई जा रही है। शेड में यूज होने वाले कलर भी झूला में रंगे जा रहे हैं। जबकि रेलवे संपत्ति का लीक से हटकर इस तरह से इस्तेमाल होना अपराध माना जाता है। रेलवे के लोहे का एक टुकड़ा भी वर्कशॉप या कैंपस से कहीं बाहर ले जाते हुए कोई पकड़ा जाता है तो उस पर आरपीएफ रेलवे एक्ट तहत कार्रवाई करती है। लेकिन यहां मामला ऑफिसर्स से जुड़ा है, इसलिए जानते व देखने के बाद भी कोई कुछ बोलने की हिमाकत नहीं कर पा रहा है।

देखा देखी बनने लगा झूला

टीआरएस शेड से जुड़े एक कर्मचारी की मानें तो झूला बनवाने का ट्रेंड चल पड़ा है। कुछ माह पूर्व क्लास वन रैंक के एक अधिकारी ने अपने गार्डेन के लिए स्टैंडनुमा झूला यहीं से बनवाया था, उनके यहां पहुंचे एक ऑफिसर ने झूला देख काफी तारीफ की थी। इसके बाद वह भी अपने क्वार्टर के लिए झूला बनवाने के लिए टीआरएस शेड पहुंच गये। इस तरह से देखा देखी कई अधिकारियों ने झूला बनवाया। कर्मचारियों की मानें तो झूला के अलावा कई और भी सामान बनाकर अधिकारियों के यहां पहुंचाये जाते हैं।