एनडीआरएफ डिजास्टर रिलीफ के साथ समाज में जागरुकता फैलाने का भी कर रही है काम

गंगा किनारे दशाश्वमेध पर होगी एनडीआरएफ की एक टीम

VARANASI

सिर्फ ड्यूटी तक सीमित नहीं रहना, इन्हें देश और समाज के लिए कुछ और भी करना है। इसी लक्ष्य के साथ नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) के क्क्वीं बटालियन आगे बढ़ रही है। एनडीआरएफ की क्क्वीं बटालियन बनारस में नवंबर ख्0क्भ् में आयी थी। एनडीआरएफ डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए तो तैयार है ही, साथ ही वह लोगों को एजुकेशन, मेडिकल और सेल्फ डिपेंड बनाने के लिए काम कर रही है।

एनडीआरएफ ने दूर दराज के एरियाज में कई कैंप भी लगाए हैं। ये प्रयास आगे भी जारी रहेगा बशर्ते उसे शासन और प्रशासन का साथ मिले। एनडीआरएफ अपना क्क्वां स्थापना दिवस मना रहा है। इसी उत्साह में क्क्वीं बटालियन अपने काम के साथ ही एक अलग लक्ष्य पर ध्यान दे रही है। जिसके लिए उसे कुछ ऐसी सुविधाओं और सहूलियत की जरूरत है, जो शासन और प्रशासन से ही मिलेगा।

गंगा किनारे बना रहे अपना कैंप

एनडीआरएफ की एक टुकड़ी दशाश्वमेध एरिया में नियुक्ति होगी। इसमें ख्0 से ख्भ् जवान होगे। इसके साथ ही गंगा पार बटालियन अपना एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाएगा। जिसमें वह अपने जवानों को लगातार प्रैक्टिस करायेगा ताकि वह गंगा के पानी से वाकिफ हो सके और उन्हें किसी भयावह स्थिति से निबटने में आसानी भी हो।

बटालियन को यूपी-एमपी की जिम्मेदारी

एनडीआरएफ की क्क्वीं बटालियन को उत्तर प्रदेश के साथ ही मध्य प्रदेश की भी जिम्मेदारी दी गयी है। एनडीआरएफ के कमांडेंट एके सिंह ने बताया कि इन दोनों प्रदेश में वह किसी भी आपदा के दौरान बुलाया जा सकता है। क्क्वीं बटालियन की एक यूनिट गोरखपुर और एक यूनिट भोपाल में भी तैनात की गयी है जो लगातार वहीं कैंप किये है।

क्क् साल में बचायी डेढ़ लाख जानें

एनडीआरएफ ने अपने क्क् साल के सफर में करीब डेढ़ लाख लोगों की जान बचायी है। उड़ीसा में क्999 में आये सुपर साइक्लोन और ख्00क् में गुजरात में भूकंप के दौरान आपदा प्रबंधन टीम की जरूरत महसूस की गयी थी, जिसे देखते हुए ख्00भ् में एनडीएमए और एनडीआरएफ का गठन किया गया। देश में एनडीआरएफ की क्ख् यूनिट्स काम कर रही हैं। इन क्क् सालों में इस टीम ने 7म् ऑपरेशन किये और क् लाख भ्भ् हजार म्ब्ख् लोगों की जान बचायी और ब्ख्ख् शव को निकाला है।

यूएन में मिली है बड़ी उपलब्धि

नेपाल भूकंप में राहत के लिए एनडीआरएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। सराहनीय कार्य के लिए संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर भारत के झंडे को सबसे ऊपर रखा है। नेपाल भूकंप के दौरान म्फ् देशों की डिजास्टर मैनेजमेंट टीम में से एनडीआरएफ ने राहत व बचाव कार्य सबसे पहले शुरू किया था और 70 प्रतिशत लोगों को एनडीआरएफ ने ही बचाया। क्फ्फ् डेड बॉडी निकाली और हजार टन राहत सामग्री पीडि़तों में बांटी थी।

एनडीआरएफ करती है ये काम

- एनडीआरएफ बाढ़, भूकंप, ट्रेन हादसे, बड़े एक्सीडेंट में करती है राहत कार्य।

- नदी में लोगों के डूबने के दौरान बचाव कार्य।

- केमिकल लीकेज के दौरान लीकेज रोकने और लोगों को निकालने का काम।

- एनडीआरएफ ने चार महीनों के दौरान यूपी एमपी में क्ख् लोगों की बचायी जान।

- फ‌र्स्ट एड के साथ ही हॉस्पिटल में मरीजों के इलाज में मदद।

ड्यूटी से अलग भी कर रही काम

- क्क्वीं बटालियन स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान

- स्वास्थ जागरूकता और मेडिकल कैंप

- बीमारी की रोकथाम व नियंत्रण जागरूकता कार्यक्रम

- गरीब बच्चों का शैक्षिक सशक्तिकरण और बाल कुपोषण जागरूकता

- लोगों को आपदा से निबटने के लिए ट्रेनिंग देना

- कम्युनिटी अवेयरनेस प्रोग्राम

बटालियन की क्या है स्ट्रेंथ

क्क्वीं बटालियन के पास क्क्ब्9 जवान है। जिनमें से गोरखपुर और भोपाल में कुछ जवानों को लगाया गया हैं।

- ब्0 लाइफ जैकेट, मल्टी स्पेशलिटी स्ट्रेचर

- गंगा में लगायी गयी दो मोटर बोट

- डीप डाइवर किट, न्यूक्लियर बॉयोलोजिकल केमिकल सूट

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गैस लीकेज किट

- आरआरसी (रिजर्व रिस्पॉन्स सेंटर) में रोजमर्रा की जरूरत का हर सामान पर्याप्त मात्रा में मौजूद

- फ‌र्स्ट एड किट में पूरी मेडिकल सुविधा के साथ

हम आपदा के दौरान राहत कार्य के साथ ही समाज के उत्थान और बच्चों की शिक्षा, हेल्थ और मेडिकल फेसिलिटी के लिए भी काम कर रहे हैं। बटालियन की एक टुकड़ी गंगा किनारे भी लगायी गयी है जो वहां हमेशा मौजूद रहेगी। हम अपने जवानों के साथ लोगों को आपदा से निबटने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने जा रहे हैं। इसके लिए गंगा पार कैंप भी लगाया जाएगा।

एके सिंह, कमांडेंट, क्क् बटालियन एनडीआरएफ