गोरखपुर (ब्यूरो)। रेस्क्यू के लिए मोटर बोट व गोताखोर

एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया, टीम केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल एवं न्यूक्लियर आपदा (सीबीआरएन) के लिए है। वहीं, दूसरी टीम कॉलेप्स स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू (सीएसएसआर) से संबंधित आपदाओं से निपटने के लिए सभी प्रकार के अत्यधिक राहत बचाव उपकरणों के साथ तथा हमारी तीसरी टीम को सरयू नदी में विभिन्न घाटों पर रेस्क्यू मोटर बोट, गोताखोर, पैरामेडिक, लाइफ जैकेट आदि के साथ तैनात है।

केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलाजिकल से लैस है टीम

केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल न्यूक्लियर (सीबीआरएन) से संबंधित आपदा से निपटने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, डीआरडीओ संस्थान के द्वारा विशेष रूप से निर्मित हजमत वाहन को भी तैनात किया गया है। हजमत वाहन केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल न्यूक्लियर (सीबीआरएन) के किसी भी प्रकार के हमलों को रोकने में सक्षम है। इसमें लगे अत्यधिक सेंसर सीबीआरएन पदार्थ का दूर से पता लगा सकते हैं, साथ ही वाहन के साथ तैनात रेस्क्यूकर्स किसी भी प्रकार के केमिकल बायोलॉजिकल रेडियोलॉजिकल न्यूक्लियर हमले की साजिश को नाकाम कर सकते हैं। इस वाहन को खतरा भविष्यवाणी सॉफ्टवेयर के साथ तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि जरूरत करने पर एनडीआरएफ के अतिरिक्त टीमों को भी वाराणसी, एवं एनडीआरएफ क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र लखनऊ, गोरखपुर से तैनात किया जाएगा।