वाराणसी (ब्यूरो)नार्थ रेलवे के वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के समीप में स्थित तेल डिपो में कर्मचारियों और जिम्मेदारों की लापरवाही का आलम यह है कि सुरक्षा के मानकों को चुस्त-दुरुस्त रखने में फिसड्डी हैभीषण गर्मी में यदि किसी कारणवश कोई आगजनी की घटना हो जाए तो तेल डिपो को सुरक्षित रखने में कई पापड़ बेलने पड़ सकते हैैंजिम्मेदारों की सुस्ती और आलस के चलते तेल डिपो परिसर में फायर फाइटिंग के लिए रखे गए उपकरण जैसे सैैंड बकेट और फायर फाइटिंग के सिलेंडर उपेक्षित अवस्था में पड़े हुए हैैंइसकी मरम्मत और रखरखाव में लापरवाही सवालों के घेरे में हैइतना ही नहीं तेल डिपो परिसर में लगे दो स्वस्थ पेड़ों पर आरा चलवा दिया गया है.

डिपो की सुरक्षा किसके भरोसे

पहले तो तेल डिपो परिसर के गेट पर कोई गार्ड नहीं है, जो किसी अपरिचित को सीधे तेल डिपो परिसर में प्रवेश से रोकेइस ज्वलनशील एरिया में अनजान व्यक्तियों का प्रवेश कभी किसी अनहोनी को अंजाम दे सकता हैलिहाजा, तेल डिपो परिसर में प्रवेश करने से पहले अनजान लोगों की जांच-पहचान कर लेनी चाहिए.

कैमरा देख एक्टिव हुए स्टाफ

तेल डिपो के स्टाफ पहले तो किसी भी तरह की जानकारी देने में हीलाहवाली कर रहे थेजब उनके वरिष्ठ अधिकारी से बात की गई तो वे परिसर के मुआयने को तैयार हुएइस दौरान वे ताक में थे कि, इधर-उधर उलझा कर अव्यवस्थित पड़े सैैंड बकेट को ताजे रेत से फील कर देंजैैसे ही रिपोर्टर स्टाफ के साथ सुरक्षा उपकरणों को देखने जा रहा था तभी एक स्टाफ आनन-फानन में सैैंड बकेट में फ्रेश सैैंड भरने की जुगत करने लगायह दृश्य कैमरे में कैद कर लिया गया.

काट दिए गए हरे-भरे पेड़

तेल डिपो परिसर में दो स्वस्थ और हरे भरे पेड़ों पर आरा चलवा कर काट दिया गयाइन पेड़ों से परिसर में छाया और ग्रीनरी बनी हुई थीपेड़ों के नहीं होने से इस भीषण गर्मी में अब सीधे आसमान से बरसते आग के अंगारे अंडर ग्राउंड तेल डिपो के सिस्टम पर बरस रहे हैैं, जबकि पेड़ों के रहने से यहां का वातावरण कूल और आक्सीजनयुक्त था.

तेल डिपो में सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखा गया हैसमय-समय पर इन उपकरणों को अपडेट भी किया जाता हैरही बात सैैंड बकेट की तो मैैं उसे दिखवाता हूंपेड़ तेल डिपो के सुचारू काम-धाम में बाधा पहुंचा रहे थेइसलिए अनुमति लेकर कटवाया गया है

राजेश कुमार, डीएमई, एनआर