-आरटीओ में डीएल बनवाने वालों के लिए स्टार्ट हुआ ऑनलाइन टेस्ट

-कंप्यूटराइज्ड सिस्टम होने से दलालों की एक्टिविटी पर पूरी तरह से लग जाएगी लगाम

VARANASI

आरटीओ में दलाल अब पब्लिक को काम कराने के नाम पर हलाल नहीं कर पाएंगे। दलालों पर नकेल कसने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए डिपार्टमेंट ने ड्राइविंग लाइसेंस चाहने वालों को ऑनलाइन टेस्ट देने का इंतजाम किया है। यानि कि कंप्यूटर पर ट्रैफिक रूल्स से रिलेटेड क्वेश्चंस का आंसर दिए बिना डीएल मिलने का सपना अब पूरा होने वाला नहीं है। इसके पीछे मकसद दलालों पर रोक लगाना है। डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स के मुताबिक कंप्यूटराइज्ड टेस्ट होने के बाद दलाल चाहकर भी अपने क्लाइंट की हेल्प नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अब डीएल पाने के लिए ऑनलाइन टेस्ट पास होना ही होगा।

मैनुअल टेस्ट के लद गये दिन

डिस्ट्रिक्ट में स्थित आरटीओ के मेन व सिटी ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस बनने से पहले हर किसी को टै्रफिक रूल्स से जुड़ा टेस्ट देना होता है। यह टेस्ट अब तक मैनुअल होता रहा है। लेकिन अब यह ऑनलाइन हो गया है। इसके लिए दोनों जगहों पर दस कंप्यूटर लगाए गए हैं। जिन पर नंबर वाइज डीएल बनवाने के लिए पहुंचने वाले टेस्ट देंगे। ये सभी कंप्यूटर डिपार्टमेंट के मेन सर्वर से जुड़े हैं। ऑफिस में लगे मास्टर कंप्यूटर पर ऑफिसर बैठकर ऑनलाइन टेस्ट की मॉनीटरिंग करने के साथ ही टेस्ट देने वाले को मा‌र्क्स भी दे रहे हैं। टेस्ट में पास होने पर डीएल बन रहा है और फेल होने पर फिर से टेस्ट देना पड़ रहा है। बता दें कि डिपार्टमेंट के नियमानुसार डीएल चाहने वाले को ट्रैफिक रूल्स से आधारित टेस्ट देना जरूरी है।

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ऐसे काम करता है स्मार्ट कार्ड सिस्टम

डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर कुंदन मिश्रा ने बताया अब बनारस में लाइसेंस सुविधा बायोमैट्रिक हो गयी है। जैसे पासपोर्ट और आधार कार्ड में बायोमैट्रिक टेक्निक का यूज होता है उसी प्रकार इसमें भी हो रहा है। पहले कैंडीडेट को अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा उसके बाद उसे अपना नंबर आने पर अपनी फोटो, थम्ब इम्प्रेशन और साइन का नमूना कम्प्यूटराइज्ड तरीके से डिपार्टमेंट में दर्ज कराना होगा। उसके बाद सबसे अहम और अंतिम प्रॉसेस है कम्प्यूटराइज्ड एग्जाम की जिसमें कैंडीडेट्स को क्म् क्वेश्चंस के आंसर देने हैं। सभी सवालों के चार जवाबों में से एक जवाब को उसे चुनना है। एक प्रश्न के लिए कैंडीडेट्स को एक मिनट का समय दिया जाएगा, यदि एक मिनट में जवाब नहीं मिलता है तो कम्प्यूटर दूसरा सवाल पूछेगा। कैंडीडेंट को पास होने के लिए क्म् में से 9 क्वेश्चंस का आंसर सही देना होगा।

जुगाड़ पर लग जाएगा जैमर

ऑफिसर्स के अनुसार कंप्यूटराइज्ड ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन व टैक्स डिपोजिट के बाद अब ऑनलाइन टेस्ट की बारी है। इसके तहत मेन ऑफिस में छह व सिटी ऑफिस में लगे चारों कंप्यूटर लोकल के अलावा हेडक्वार्टर के मेन सर्वर से जुड़े हैं। ऐसे में टेस्ट में कोई खेल नहीं चल पाएगा।

परिवहन विभाग अपनी वर्किंग स्टाइल को पारदर्शी बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। इसी कड़ी में डीएल बनवाने वालों का टेस्ट भी अब ऑनलाइन कर दिया गया है।

ओपी सिंह, प्रभारी,

आरटीओ सिटी ऑफिस