वाराणसी (ब्यूरो)। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी की प्रतिदिन पूजा अर्चना करने व परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को सुरक्षित रखने के लंबित मामले की सुनवाई अब जिला जज डॉ। अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में होगी।
23 मई तय थी तारीख
इस मामले की पहले सुनवाई कर रहे सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने सुनवाई के लिए 23 मई की तिथि तय की थी। इसके लिए वादी और प्रतिवादी अपनी-अपनी तैयारी कर रहे हैं। दोनों पक्ष अदालत में अपने-अपने पक्ष पर जोर देंगे.
अभी बहुत से साक्ष्य बाकी
वादी पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी का कहना है कि उनका प्रार्थना पत्र पहले से ही अदालत में दाखिल है। इसमें तहखाने की दीवार और वहां मौजूद मलबे को हटाकर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की जाए। पहले हुई कार्यवाही में यह शामिल नहीं हो पाया था। उनका कहना है कि बहुत से साक्ष्य अभी सामने आने बाकी हैं। ऐसा होने पर उनका दावा और पक्का होगा.
अदालत में चलने योग्य नहीं
प्रतिवादी पक्ष के वकील अभय यादव का कहना है कि मैंने अपना प्रार्थना कोर्ट में दाखिल किया है। इसमें बताया है कि यह मुकदमा अदालत में चलने लायक नहीं है। इस पर ही जोर रहेगा। हालांकि अब तो कोर्ट ही तय करेगा कि उसे इस मामले की कैसे सुनवाई करनी है.