वाराणसी (ब्यूरो)। लालपुर-पांडेयपुर एसएचओ सुधीर कुमार ङ्क्षसह द्वारा प्रताडि़त किया जाता रहा है। मेरे लड़के की तबीयत खराब थी। मैं एसएचओ महोदय के आवास पर अवकाश फारवर्ड कराने गया तो मुझे भगा दिया गया। उसी समय से डिप्रेशन में था। मकान बनवा रहा था तो उसमें भी परेशान किया जाता रहा है। रात में ड्यूटी करके दिन में मकान बनवाना चाहता था तो भी बीच-बीच में परेशान किया जा रहा है। मेरी मृत्यु का कारण सिर्फ एसएचओ सुधीर कुमार ङ्क्षसह हैं और कोई नहीं है। यह सुसाइड नोट है। जिसे पुलिस ड्राइवर यशवंत ङ्क्षसह ने सादे कागज पर लिखा और शुक्रवार रात व्हाट्सअप के जरिए बेटे को भेज दिया। इसके बाद ड्यूटी के दौरान लाइसेंसी असलहे से अपने सिर में गोली मार ली। आनन-फानन में साथी मलदहिया स्थित निजी अस्पताल ले गए, जहां से बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। वहां हालत गंभीर बनी हुई है.
शुक्रवार को ड्यूटी पर लौटा
मूलरूप से आजमगढ़ के मेंहनगर पवनी खुर्द निवासी यशवंत ङ्क्षसह (53) लालपुर पांडेयपुर थाने में मुख्य आरक्षी ड्राइवर हैं। वह 15 अप्रैल से पांच दिनों के अवकाश पर थे। अवकाश को दो दिन और बढ़ाते हुए शुक्रवार को वापस ड्यूटी पर आ गए थे। देर रात 2.30 बजे नाइट अफसर सूर्यवंश यादव और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ सरकारी जीप से गश्त करने के बाद वापस थाने पर पहुंचे थे।
हाथ में थी लाइसेंसी रिवाल्वर
पहडिय़ा स्थित लाल बहादुर शास्त्री फल एवं सब्जी मंडी के चेक पोस्ट नंबर एक के पास जीप खड़ी की। इसके बाद जीप में सवार सभी साथी चाय पीने के लिए जाने लगे तो उन्होंने यशवंत से भी साथ चलने को कहा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। सभी चाय पीकर वापस थाने में चले गए और यशवंत जीप में ही थे। थोड़ी देर बाद जहां जीप खड़ी थी, वहां से गोली चलने की आवाज आई। तुरंत सभी भागते हुए जीप के पास पहुंचे तो देखा कि यशवंत खून से लथपथ हैं। उनकी लाइसेंसी रिवाल्वर उनके हाथ में है। गोली ने सिर के एक हिस्से को उड़ा दिया है।
जानकारी अधिकारियों को दी
यशवंत की हालत देख सभी साथियों के हाथ-पांव फुल गए। उन्होंने तत्काल घटना की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी। इसके बाद यशवंत को जीप से लेकर मलदहिया स्थित निजी चिकित्सालय ले गए। वहां चिकित्सकों ने गंभीर हालत देखते हुए ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। यहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। घटना की जानकारी होने पर परिवार में अफरा-तफरी मच गई। पत्नी, बेटा व परिवार के अन्य लोग ट्राम सेंटर पहुंचे। पुलिस के आला अधिकारी देर तक ट्रामा सेंटर में मौजूद रहे। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया.
मांग रहे थे अवकाश
यशवंत ङ्क्षसह के तीन बेटे पीयूष ङ्क्षसह, हिमांशु ङ्क्षसह व प्रियांशु ङ्क्षसह हैं। बेटी ज्योति की शादी हो गई है। पत्नी नंदा व बेटे पीयूष के साथ वाराणसी पुलिस लाइन में रहते हैं। एक पुत्र लखनऊ व एक प्रयागराज में पढ़ाई कर रहा है। पीयूष की तबीयत कुछ महीनों से खराब चल रही है। बेटे के उपचार के लिए अवकाश मांग रहे थे।
एसएचओ कसूरवार!
यशवंत ङ्क्षसह ने अपने सुसाइड नोट में लालपुर पांडेयपुर के थाना प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार ङ्क्षसह पर गंभीर आरोप लगाया है। आत्महत्या से पहले उन्होंने अपने बेटे को वाट्सएप पर सुसाइड नोट भेजा था। इसमें थाना प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार ङ्क्षसह पर अवकाश न देने और मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। अपनी मौत के लिए थाना प्रभारी को कसूरवार बताया है। उन्होंने सुसाइड नोट पर शनिवार की तारीख लिखी है। वे चाहते थे कि इसे पुलिस कमिश्नर तक पहुंचा दिया जाए, लेकिन इसके बारे में अपने साथियों को कुछ नहीं बताया था.