-कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर स्थित स्टॉल से बेडरोल खरीदने में पैसेंजर का एंट्रेस्ट नहीं

-कोरोना संक्रमण से बचाने को स्टॉल से बेचा जाता है बेडरोल

पैसेंजर की सुविधा के लिए रेलवे ने कैंट स्टेशन पर डिस्पोजेबल बेडरोल स्टॉल खोला है। लेकिन रेलवे की इस सुविधा में पैसेंजर्स को एंट्रेस्ट नहीं है। इसके पीछे कोरोना को लेकर पैसेंजर में डर है या प्रॉपर प्रचार प्रसार का न होना है। प्लेटफार्म नंबर एक पर यूटीएस काउंटर के पास स्थित स्टाल से पिछले 30 दिन में महज 18 बेडरोल किट ही बिक पाए हैं। यह तब है जब लगभग सारी ट्रेंस स्पेशल के नाम पर संचालित होने लगी हैं। वाराणसी कैंट स्टेशन से डेली 20 से 25 हजार लोगों का आना जाना होने लगा है। जबकि कोरोना से पहले एक से डेढ़ लाख लोगों का यहां से आना जाना होता था। नयी व्यवस्था कोरोना संक्रमण को देखते हुए ही की गयी है।

कंबल व चादर की पड़ गयी आदत

कोरोना संक्रमण की पहली लहर के बाद जब ट्रेंस का संचालन शुरू हुआ तो एसी कोचेज में सफर करने वाले पैसेंजर को कंबल व चादर न देने का डिसीजन हुआ था। इसके पीछे संक्रमण पर रोक लगाना था। वहीं पैसेंजर खुद अपने घर से कंबल चादर लेकर आने लगे। इस बीच पैसेंजर की असुविधा को देखते हुए रेलवे ने स्टेशन के स्टॉल पर डिस्पोजेबल बेडरोल बेचने का डिसीजन लिया। अब जब दूसरी लहर के बाद ट्रेंस का संचालन बड़ी संख्या में होने लगा है तो पैसेंजर को बेडरोल की आवश्यकता पड़ने लगी है। इसको देखते हुए बनारस कैंट स्टेशन पर भी स्टॉल खुल गया है। जहां डिस्पोजेबल बेडरोल बेचा जाता है। हालांकि एक महीने में यहां से 18 लोगों ने कंबल व चादर खरीदा है। दरअसल, एक जून 2020 से चल रहीं स्पेशल ट्रेंस के एसी कोचेज से बेडरोल और पर्दे हटा लिए गए हैं।

भीषण गर्मी भी बड़ी वजह

प्लेटफार्म नंबर एक स्थित मल्टीपरपज स्टाल को संचालित करने वाली फर्म अभी 200 रुपये वाली डिस्पोजेबल लिनेन (डिस्पोजेबल बेडरोल किट) ही बेच रही है। 50, 100 और 150 रुपये वाले किट उपलब्ध नहीं है। स्टाल पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते लोगों में कंबल व चादर लेने में एंट्रेंस्ट नहीं है। हालांकि बहुत सारे लोगों को स्टॉल पर डिस्पोजेबल बेडरोल मिलने की भी जानकारी नहीं है। हालांकि, यहां संक्रमण के चलते सेनिटाइजार और मास्क की बिक्री हो रही है। बता दें कि रेलवे प्रशासन ने अन्य प्लेटफार्म पर भी स्टाल खोलने का प्लान बनाया था। लेकिन सेल बहुत कम होने के कारण इसपर फिलहाल ब्रेक लग गया है।

बेडरोल से ज्यादा सेनिटाइजर

पैसेंजर को संक्रमण से बचाने के लिए रेलवे ने ट्रेंस में कंबल व चादर देने पर रोक लगा दिया था। इसके बाद पैसेंजर ने बेडरोल देने की शिकायत की। जिसके बाद स्टेशन पर स्टॉल बना दिया गया। हालांकि यहां बेडरोल से ज्यादा सेनिटाइजर व मास्क की बिक्री होती है। स्टेशन से रवाना होने वाले पैसेंजर के अलावा अन्य शहरों से यहां आने वाले इन स्टॉल से कोरोना से बचने का किट खरीदते हैं। स्टॉल पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि डेली 25 से 50 बॉटल सेनिटाइजर व लगभग 100 मास्क बिक जाता है।

वर्जन---

रेलवे के निर्देश पर कैंट स्टेशन से पैसेंजर्स को बेडरोल उपलब्ध कराने के लिए स्टॉल ओपेन कर दिया गया है। लेकिन पैसेंजर्स में बेडरोल के प्रति एंट्रेस्ट नहीं है।

एसके पांडेय, स्थानीय मैनेजर

खानपान, कैंट स्टेशन