वाराणसी (ब्यूरो)शहर को स्वच्छ सुंदर और हरित बनाने की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम विभाग की होती हैइसके लिए नगर निगम जनता से टैक्स लेता हैबनारस की जनता पिछले कई सालों का रिकार्ड तोड़ते हुए 2022-2023 वित्तीय वर्ष में जमकर अपने टैक्सों का भुगतान कर रही हैनगर निगम की तरफ से लगाए जाने वाले हर प्रकार के टैक्सों में जनता को इस बार निगम के अधिकारी 100 में 100 नंबर दे रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही हैजनता को सुंदर सड़कें, स्वच्छ वातावरण, शुद्ध पेयजल, स्ट्रीट लाइट, फैशेनेबल प्वाइंट, हरित पार्क की सुविधा देने की जिम्मेदारी पर नगर निगम खरा नहीं उतर पा रहा हैआखिर जनता तो अव्वल है फिर नगर निगम फिसड्डी क्यों हैइसको लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की एक रिपोर्ट.

2022-2023 वित्तीय वर्ष

टैक्स प्रापर्टी रेवेन्यू-46 करोड़

विज्ञापन रेवेन्यू-2 करोड़ 60 लाख

लाइसेंसिंग रेवेन्यू-1 करोड़ 6 लाख

रेंट वसूली रेवेन्यू-90 प्रतिशत से ज्यादा

हाउसिंग कलेक्शन का डाटा

वित्तीय वर्ष-कुल बिल-कलेक्ट राशि

2016-2017-1103-1632899.00

2017-2018-1627-2258176.00

2018-2019-2482-4695926.00

2019-2020-3346-8094553.00

2020-2021-8330-20102336.00

2021-2022-11164-25659805.00

2022-2023-3763-6500205.00

वित्तीय वर्ष 2022-2023

माह-कुल बिल-कलेक्ट राशि

अप्रैल-2164-3274027.00

मई-1599-3226178.00

सुविधा एवं संसाधन में नगर निगम पीछे

नगर निगम का आलम यह है कि यह जनता से टैक्स और फीस के रूप में भारी भरकम की कमाई कर रहा है लेकिन सदुपयोग सही तरीके से नहीं हो रहा हैअगर नगर निगम सही तरीके से हिसाब रखता तो जनता को समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ताशहर में हर कोने में आम जनता पानी, सीवर, पार्क के लिए परेशान है, जोकि ये सारी चीजें जनमानस की आम जरूरत की चीजें हैइनकी तरफ निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.

बिजली के खंभों पर अतिक्रमण

नगर निगम के रवैये से शहर का बिजली विभाग भी परेशान हो गया हैबिजली विभाग के अधिकारी सीधे तौर पर नगर निगम के अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैैं कि वायरों को खंभों के बजाय अंडरग्राउंड करके ले जाएं, लेकिन निगम के अधिकारी ध्यान नहीं देते हैंयहां तक कि बिजली विभाग कई बार कह चुका है कि वायरों का जाल अधिक हो जाने की वजह से उन्हें कटियामार चोरों का पता नहीं चल पाता हैहम उनकी वायर को डिटेक्ट नहीं कर पाते हैं, फिर भी निगम ध्यान नहीं दे रहा है.

नालों की सफाई अधूरी

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, जून के पहले सप्ताह से बनारस में बारिश हो सकती हैइसके बावजूद निगम की तैयारी अब भी अधूरी हैपूरे शहर के नालों की कुल लंबाई 1 लाख 12 हजार मीटर है, जोकि शाही नाले में जाकर मिलती हैवहीं नगर निगम अभी तक सिर्फ 50 हजार मीटर ही नालों की सफाई करा पाया हैयही नहीं जिन छोटे नालों की सफाई नगर निगम करा रहा है उनको ढक भी नहीं रहा हैइसकी वजह से कूड़े के ढेर एवं बीमारी वाले मच्छर पैदा पनप रहे हैं.

वार्डों की सड़क हैैं बदहाल

वार्डों की सड़कों को दुरुस्त कराने का दावा करने वाला नगर निगम ग्राउंड पर पूरी तरह फेल हैआज भी हुकुलगंज, पांडेयपुर, पहडिय़ा, सारनाथ इलाके की सड़कें खराब हैंकई जगहों पर सीवर जाम हो गये हैंयहां तक कि इन सीवरों से पूरे दिन पानी फैलता रहता है जिससे राहगीरों का उन सड़कों से गुजरना दुभर हो जा रहा हैहुकुलगंज के कई इलाकों के लोगों के घरों में सीवर का पानी घुस जा रहा है.

नगर निगम ने खंभों पर अतिक्रमण कर रखा हैखंभों पर बेतरतीब वायर ले जा रहे हैं, जिससे समाज में हमारे विभाग की इमेज खराब हो रही हैयहां तक कि मेरे द्वारा कई बार सुझाव दिया कि केबलों को अंडरग्राउंड या सारे केबलों को क्लैैंप कर लें, लेकिन निगम ध्यान नहीं दे रहा है.

दीपक अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, मंडल द्वितीय