--UP कॉलेज में 'बेहतर कृषि कौशल' पर आयोजित सेमिनार में बोले प्रो। आनंद कुमार

-कहा, फलों का ऑनलाइन मार्केटिंग कर किसान कमा सकते हैं मुनाफा

VARANASI

प्रधानमंत्री का मानना है कि अगली हरित क्रांति हिंदुस्तान के पूर्वोत्तर क्षेत्रों से ही आएगी। ऐसे में उत्पादकता बढ़ना हमारे लिए चुनौती है। इसे स्वीकार करना होगा। हालांकि नारियल सहित कई चीजों में देश विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है। हम अपनी उत्पाद को व‌र्ल्ड लेवल पर निर्यात नहीं पा रहे हैं। इसलिए हमें विश्वस्तरीय मार्केटिंग नेटवर्क बनाने की जरूरत है। यूपी कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय 'बेहतर कृषि कौशल द्वारा पर्यावरण का स्थायी जीवन प्रबंधन सुरक्षा' विषयक सेमिनार के इनॉगरल सेशन में सोमवार को ये बातें चीफ गेस्ट राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के एमडी प्रो। आनंद कुमार सिंह ने कहीं।

सेव, केला बिकते हैं ऊंचे दाम पर

उन्होंने कहा कि किसान क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए बागवानी भी कर सकते हैं। फलों में जैसे सेव, केला, अंगूर के अलावा सब्जियां, दूध सहित अन्य उत्पाद काफी ऊंचे दामों पर बिकते हैं। इसके बावजूद व‌र्ल्ड लेवल पर मार्केटिंग नहीं कर पाते। उन्होंने कई व्यवसायिकों का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने कैसे फलों को ऑनलाइन मार्केटिंग कर मुकाम हासिल की। कहा कि प्रेजेंट में करीब ब्ख् सौ कृषि प्रोजेक्ट चल रहे हैं। सरकार की इन योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वयन करने के लिए सार्थक प्रयास करना होगा, तभी वर्ष ख्0ख्ख् तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का पीएम मोदी का सपना साकार होगा। विशिष्ट अतिथि आईसीएआर, जनरल प्रसार, नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर प्रो। अशोक कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय कृषि खासकर मानसून और बाजार पर आधारित है। ऐसे में हमें रूरल एरिया में रोजगार के अवसर तलाशने होंगे तभी ग्रामीण क्षेत्रों सें युवकों का पलायन शहर की तरफ रुकेगा। अध्यक्षता उदय प्रताप शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष प्रो। कीर्ति सिंह ने की। इस मौके पर गेस्ट्स ने एक स्मारिका का भी विमोचन किया। समारोह का शुभारंभ राजर्षि की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। स्वागत कृषि संकायाध्यक्ष व आयोजन सचिव डॉ। मनीष कुमार सिंह ने, संचालन डॉ। अरविंद्र कुमार सिंह व थैंक्स डॉ। राघवेंद्र प्रताप सिंह ने दिया।

सीड्स का लगा एग्जिबिशन

इस मौके पर कृषि पर आयोजित एग्जिबिशन में स्टॉल्स के माध्यम से उन्नत बीजों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही इस प्रदर्शनी में तकनीक के बारे में भी जानकारी दी गई।