-संस्कृत यूनिवर्सिटी के एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने लगायी मुहर

-चयन समिति का खुला लिफाफा, प्रमोट हुए तीन टीचर

VARANASI

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड कॉलेजेज की संख्या भ्फ्0 से बढ़कर अब भ्ब्म् हो गई है। यूनिवर्सिटी के एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न स्टेट में क्म् नए कॉलेजेज को मान्यता-संबद्धता पर मुहर लगा दी है। वीसी प्रो। यदुनाथ दुबे की अध्यक्षता में रविवार को कैंपस स्थित योग साधना केंद्र के संवाद कक्ष में हुई एग्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में चयन समिति की संस्तुतियों का लिफाफा भी खुला। इसमें तीन टीचर्स को प्रमोशन मिला है। चयन समिति की संस्तुति के अनुसार एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने डॉ। कमलाकांत त्रिपाठी, प्रो। दिनेश गर्ग व डॉ। विद्या चंद्रा को चयन वेतनमान देने की मंजूरी दे दी है।

ख्0क्7-क्8 के बजट को मंजूरी

एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने फाइनेंशियल ईयर ख्0क्7-क्8 में अनुमानित ब्फ्,ख्ब्,क्क्भ्ब्8 रुपये के बजट को मंजूरी दी। यूनिवर्सिटी को फाइनेंशियल ईयर ख्0क्7-क्8 में विभिन्न मद से लगभग ख्ब्,फ्ब्,भ्भ्000 रुपये इनकम होने की संभावना है। इस प्रकार करेंट फाइनेंशियल ईयर में यूनिवर्सिटी को क्8,89,भ्म्भ्ब्8 रुपये का घाटा होने का अनुमान है। इस घाटे की भरपाई के लिए शासन से ग्रांट की मांग की जाएगी। वहीं पं। दीनदयाल शोध पीठ स्थापित करने के लिए एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने वीसी को अधिकृत किया है। मीटिंग में प्रो। एनएन पांडेय, प्रो। ह्रदय रंजन शर्मा, प्रो। पीएन सिंह, प्रो। आशुतोष मिश्र, प्रो। हेत राम कछवाह, प्रो। रमेश प्रसाद, डॉ। सूर्यकांत आदि उपस्थित रहे।

मांगी गाइड लाइन

यूनिवर्सिटी में टीचर्स के 70 पदों पर नियुक्ति को लेकर मेंबर्स में मतभेद दिखा। कुछ मेंबर्स यूजीसी के नए नियम के तहत नियुक्ति करने की मांग कर रहे थे, तो कुछ मेंबर्स का तर्क था कि विज्ञापन जारी हो चुके पदों पर नए नियम प्रभावी नहीं होंगे। वहीं वीसी ने बताया कि इस संबंध में गवर्नर हाउस से गाइड लाइन मांगी गई है।

इन कॉलेजेज को मिली मान्यता

वाराणसी-0ख्

महाराष्ट्र-0क्

रायबरेली -0ख्

प्रतापगढ़-0फ्

जौनपुर-0ख्

चंदौली-0क्

इलाहाबाद-0क्

मऊ-0क्

पश्चिम बंगाल-0क्