वाराणसी (ब्यूरो)। शहर के हर गली-मोहल्ले, हॉस्पिटल, सरकारी दफ्तर और कॉलोनियों में कुत्तों का आंतक है। देर शाम और रात के समय सैकड़ों की तादात में आवारा कुत्ते रोड पर आ जाते है और यहां से आने-जाने वालों पर दौड़ाकर हमला बोल देते हैैं। इससे कुत्तों से बचने के लिए कई बार वाहन चालक स्पीड बढ़ाने से किसी अन्य वाहन से टकराकर घायल भी हुए हैैं। रोजाना 150 से अधिक लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए शहर के हॉस्पिटलों का चक्कर काटते हैैं। नगर निगम में कुत्तों के आंतक की करीब 20 से अधिक शिकायतें रोज पहुंच रही है।
इन राहों से जरा संभल के गुजरिएगा
वर्तमान समय में 38 हजार से अधिक स्ट्रीट डॉग की आबादी शहर में वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैैं। नगर पशु अधिकारी के मुताबिक भीषण गर्मी, हीट वेव और पर्याप्त खाना नहीं मिलने से ये कुत्तों में अटैकिंग के मामले बढ़ रहे हैैं। लिहाजा, ये राहगीरों पर टूट पड़ रहे हैैं। लंका, लहरतारा, सिगरा, भदैनी, नदेसर, कमच्छा, सिर-गोवर्धन, छित्तुपुर, चौकाघाट, तेलियाबाग, मंडुआडीह, गोदौलिया, दशाश्वमेध, अस्सी समेत दो दर्जन से अधिक इलाकों में गर्मी के चलते कुत्तों के हमले बढ़ गए हैैं। नागरिकों ने नगर निगम से कुत्तों का बंदोबस्त करने की मांग की है।
रात में ज्यादा हमले
शहर के कई रूट्स पर सैकड़ों की तादात में कुत्तों की फौज ने डेरा जमाया हुआ है। दिन में तीखी धूप से बचने के लिए ये कुत्ते बेसमेंट, पुलिया, अंडरब्रिज, दुकान, सरकारी दफ्तर, हॉस्पिटल, झाड़ी और चौक-चौराहों में छिपे होते हैैं। रात होते ही 10-12 की तादात में कुत्ते दर्जन भर से अधिक टुकडिय़ों में कई इलाकों की सड़कों पर आकर पसर जाते हैैं। इधर, गुजरने पर इन कुत्तों का झुंड अचानक से राहगीरों पर हमला बोल देता है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि जैसे-जैसे टेम्प्रेचर बढ़ेगा, ठीक वैसे ही कुत्ते और बंदरों में चिड़चिड़ाहट बढ़ेगी। लिहाजा, शहरवासियों को कुत्ते और बंदर के हमले से बचाने के इन्हें पकड़ कर शहर से बाहर किया जाए।
बाइक सवार पर टूट पड़ते हैैं कुत्ते
गलियों में आवारा कुत्तों का डर बना रहता है। लॉकडाउन की वजह से कुत्तों की फौज दर्जन भर से अधिक गली-मोहल्लों को अपने कब्जे में लिया हुआ है। नदेसर, भदैनी, तेलियाबाग, लंका, लहरतारा, कैंट, चौकाघाट, छित्तुपुर, दुर्गाकुंड, कबीरचौरा समेत कई इलाकों की सड़कों पर रात के समय गुजरना खतरे से खाली नहीं है। इन एरिया में रोड पर धूम रहे कुत्ते चलते बाइक सवार को दौड़ा लेते हैैं। इससे कई बार तो हादसों में राहगीरों की जान जाते जाते बची है।
एक नजर इधर भी
-रोजाना 15 लोगों को काटते हैैं कुत्ते
-नगर निगम में डेली 20 शिकायतें पहुंचती हैैं कुत्ते-बंदर के हमले के
-नगर निगम ने सिक्स मंथ में 650 बंदर पकड़वाए
-शहर में 38 हजार की तादात में हैैं कुत्तें
-गत वर्ष 3 हजार कुत्तों की कराई गई थी नसबंदी
राह चलते अचानक से कुत्तों के अटैक से कई बार तो बैलेंस बिगड़ जाता है। कई बार मैैं गिरते-गिरते बचा हूं। नगर निगम को चाहिए कि स्मार्ट शहर में कुत्तों की आबादी को कंट्रोल करे।
सूर्यकांत पांडेय, यूथ
राहगीरों के साथ कुत्तों के हमले का अधिक डर स्कूली बच्चों और महिलाओं को होता है। स्ट्रीट डॉग बच्चों को अकेले पाकर हमला बोल देते हैैं। लिहाजा, समय रहते इनका बंदोबस्त किया जाए।
आशिष मौर्य, यूथ
बनारस का टेम्प्रेचर 43 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। बढ़ते टेम्प्रेचर और खाना-पानी नहीं मिलने से बंदर-कुत्तों में हमले की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। शहर में बंदरों की धर-पकड़ के लिए टीम एक्टिव है। कुत्तों की नसबंदी का काम मार्च में बड़े अभियान के तौर पर किया जाएगा।
डॉ। अजय प्रताप, पशु चिकित्सक, नगर निगम