जुटे माहौल बनाने में

यूनिवर्सिटी ओपेन होते ही लकदक कपड़ा पहने नेताजी पहुंच जा रहे हैं। फिर स्टार्ट हो जा रहा है इस फैकल्टी से उस फैकल्टी और इस डिपार्टमेंट से उस डिपार्टमेंट का चक्कर। इस दौरान वो एक एक स्टूडेंट, टीचर्स और कर्मचारी से मिल अपने लिए समर्थन जुटा रहे हैं। फिर शाम होते ही हॉस्टल में अड़ी लग रही है जो देर रात तक चल रही है। बचे हुए टाइम में नेताजी स्टूडेंट्स का काम कराने में इंट्रेस्ट ज्यादा ले रहे हैं। बस उनका एक ही टारगेट है कि इलेक्शन की डेट डिक्लेयर होने से पहले पूरे कैंपस में उनका टेंपो हाई हो जाए।

 

ताकि जेब न हो खाली

एक तरफ जहां यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन जल्द से जल्द छात्रसंघ इलेक्शन कराकर बवाल से मुक्ति पाना चाहता है। वहीं स्टूडेंट लीडर्स की चाहत है कि इलेक्शन के लिए जल्द से जल्द डेट डिक्लेयर हो जाए। ताकि लेट होने पर माहौल गड़बड़ा न जाए। यही नहीं लंबा प्रचार करने में खर्च भी बढ़ जाएगा। जहां जल्द इलेक्शन होने पर कम खर्च में ही चुनाव लड़ा जा सकेगा वहीं इलेक्शन लंबा खिंचने पर जेब खाली होगी। इससे बचने के लिए मैदान में उतरने वाले कैंडिडेट्स इलेक्शन कराने के लिए प्रेशर बनाने लगे हैं।

गल्र्स भी आजमाएंगी भाग्य

शायद यह पहला मौका है जब संस्कृत यूनिवर्सिटी में गर्ल स्टूडेंट्स भी छात्रसंघ इलेक्शन के लिए प्रिपरेशन कर रही हैं। वो बाकायदा मैदान में उतरने के लिए दिन रात एक किए हुई हैं। विभिन्न पदों के लिए उनका जोर शोर से कन्वेसिंग चल रहा है। सुबह से लेकर शाम तक वो कैंपस में स्टूडेंट्स से समर्थन करने की अपील कर रही हैं।

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इलेक्शन के लिए तैयारियां स्टार्ट हो गयी हैं। जल्द ही डेट डिक्लेयर कर दी जाएगी।

डॉ। विनीता सिंह, इलेक्शन ऑफिसर, संस्कृत यूनिवर्सिटी