वेस्टर्न डिस्टर्बेस से बदला मौसम

शनिवार की शाम तक ठंड से बचने का उपाय ढूंढ रहे लोगों को रविवार की सुबह चौंकना पड़ा। सुबह आसमान में घने बादल देख हर कोई समझ गया कि माहौल ठीक नहीं। दोपहर में बादल बरस भी पड़े। इसके बाद स्वेटर-जैकेट की बजाय लोग छाता-रेनकोट खोजने लगे। लोग समझ ही नहीं सके कि ये बादल और बूंदें अचानक आई कहां से? हालांकि, मौसम विभाग ने क्लीयर किया कि ये वेस्टर्न डिस्टर्बेस है साहब

कड़ाके की ठंड को रहिए तैयार

- रविवार को दोपहर से रात तक रुक-रुक कर होती रही बूंदाबांदी

- वीकेंड की प्लैनिंग हुई चौपट, घरों में दुबके रहे ज्यादातर लोग

- मौसम के खुलते ही कड़ाके की ठंड से होगा सामना

VARANASI : कई दिनों के इंतजार के बाद संडे आया। हर किसी ने छुट्टी को अपनी तरह एंजॉय करने की प्लैनिंग की थी। कुछ साथियों के साथ घूमने-फिरने जाना चाहते थे। कुछ ने फैमिली के साथ पिकनिक का प्लैन बनाया था। लेकिन मौसम को लोगों की मस्ती का मूड कुछ रास नहीं आया और उसने उनकी तमाम प्लैनिंग्स पर पानी फेर दिया। रविवार सुबह से ही आसमान में काले बादल मंडरा रहे थे। दोपहर होते-होते इन्होंने बारिश की बूंदों को जमीन पर बरसाना शुरू कर दिया। महीना तो दिसम्बर का है लेकिन देखते ही देखते माहौल अगस्त जैसा हो गया। पहले ही ठण्ड से परेशान पब्लिक बारिश को बर्दाश्त करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। लोग घरों में दुबक गए। जिनकी मजबूरी थी, सिर्फ वही घर से बाहर निकले। उनपर मौसम की खूब मार पड़ी। इस बारिश ने शहर का कबाड़ा कर दिया। और इसी बारिश के साथ पारा भी नीचे लुढ़कने लगा। मौसम विभाग की मानें तो इसका असर आगे आने वाले कई दिनों तक रहेगा। अगले कुछ दिनों में मौसम और सर्द होता जाएगा।

दिन चढ़ते गिरने लगीं बूंदें

दिन निकलते ही बादलों ने बारिश का मूड बना लिया था। काले-काले बादल उमड़-घुमड़कर आसमान पर आते-जाते रहे। दिन चढ़ने के साथ ही बादलों ने बूंदें बरसानी शुरू कर दी। कभी तेज तो कभी हल्की बारिश सुबह से लेकर शाम तक चलती रही। मौसम वैज्ञानिक इसे पश्चिमी विक्षोभ का झटका बता रहे हैं। इसका असर पूर्वी उत्तर प्रदेश में रहा। मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते सूर्य भी बादलों के आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। सूर्य देवता सुबह से लेकर शाम तक बादलों के पीछे छुपा रहे। शाम ढलने से थोड़ा पहले बारिश रुकी और आसमान साफ हुआ। इस दौरान सूरज ने अपनी एक झलक दिखायी। मौसम कार्यालय के मुताबिक सुबह से शाम तक के बीच बादलों ने ख्.ब् मिमी बरसात की।

बना रहेगा यह मिजाज

मौसम विज्ञानी प्रो। एसएन पांडेय के अनुसार रविवार को पूरे दिन आसमान पर बादल के छाने से जमीन की गर्मी निकल नहीं पाई। इसकी वजह से तापमान अन्य दिनों की अपेक्षा चढ़ा रहा। क्ख् दिसंबर को जहां अधिकतम तापमान ख्फ्.भ् डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 7.ख् डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जबकि क्फ् दिसंबर को अधिकतम तापमान ख्0.8, जबकि न्यूनतम तापमान क्क्.ख् रहा। क्ब् दिसंबर को अधिकतम टेम्परेचर ख्7.म् डिग्री व मिनिमम टेम्परेचर फ्.ब् रहा। हालांकि, विक्षोभ के चलते यहां तक नमी भी खूब पहुंची। गर्मी से समन्वय बना और आसमान पर बादल छा गए। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार नमी जब तक बूदों के रूप में नहीं गिरेगी तब तक हवा के साथ आगे नहीं निकलेगी। इसकी वजह से बादलों का खेल चलता रहेगा। हवा अभी शांत है, इसलिए मौसमी मिजाज के एक दो दिन तक ऐसे ही बने रहने की उम्मीद है। बूंदाबांदी भी होगी। बीते ख्ब् घंटे में अधिकतम तापमान म्.8 डिग्री बढ़कर ख्0.8 से ख्7.म् डिग्री सेल्सियस जा पहुंचा। जबकि मिनिमम टेम्परेचर ख्.ख् डिग्री बढ़कर क्क्.ख् से क्फ्.ब् डिग्री सेल्सियस हो गया था। वहीं अधिकतम आ‌र्द्रता का स्तर क्00 व न्यूनतम आ‌र्द्रता का स्तर 9फ् फीसद रहा।

लोग घरों में हुए कैद

ठण्डी हवा के साथ हो रही बारिश ने छुट्टी के दिन भी लोगों को घरों में कैद होने के लिए मजबूर कर दिया। संडे होने की वजह से दुकानें कम खुली थीं। जो खुलती थीं उनमें से भी ज्यादातर बंद रहीं। कस्टमर्स के साथ व्यस्त रहने वाले बिजनेसमेन ने फैमिली के साथ वक्त बिताना ज्यादा बेहतर समझा। किताबों में उलझे रहने वाले स्टूडेंट दोस्तों के साथ घूमने-फिरने, फिल्म देखकर अपना मूड फ्रेश करना चाहते थे बारिश ने उनके मूड का कबाड़ा कर दिया। वर्किग पर्सन्स फैमिली के साथ पिकनिक, मार्केटिंग और मौज-मस्ती का प्लैन नहीं बना सके। सुबह से शाम रजाई में दुबके रहे। जिनको मजबूरी थी केवले वही लोग घरों से निकले। ठण्ड दूर भगाने के लिए हाथ घिसते या दांत कटकटाते नजर आए। इनमें शहर में कॉम्पटेटिव एग्जाम देने आए परीक्षार्थी भी शामिल रहे।

शहर का हुआ कबाड़ा

शहर की साफ-सफाई की लाख बातों हो रही हों लेकिन हल्की बारिश ने सबकी पोल खोल दी। हर तरफ गंदगी पसरी रही। जगह-जगह हो रही खुदाई की वजह से रास्ते कीचड़ से भरे रहे। खुद को ऊपर से नीचे तक गर्म कपड़ों से ढके लोगों को इससे गुजरना मुश्किल भरा रहा। रोड किनारे जमा रहने वाला कूड़ा दूर-दूर तक बिखरा रहा। शहर के बड़े एरियाज में सफाईकर्मी सफाई करते नजर नहीं आए जबकि शहर में राज्यपाल रामनाईक मौजूद रहे। गंदगी की वजह से कपड़े गंदे होने की डर से लोग पैदल चलने से कतराते रहे। इसका फायदा ऑटो ड्राइवर्स और रिक्शा चालकों ने खूब उठाया। निर्धारित किराये से अधिक किराया वसूला। जिसको लेकर कई जगहों पर किचकिच भी हुई।