- जिला जेल के सामने कंसलटेंसी कम्पनी के डायरेक्टर ने फांसी लगाकर दी जान ऑफिस में लटकी मिली लाश

-कर्ज के चलते लगायी फांसी, पत्नी को लिखा सुसाइड नोट

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सॉरी मैं तुम्हारे लायक नहीं था, फिर भी मुझे तुमने एक्सेप्ट कर लिया। जब से मुझसे शादी हुई है तबसे मैं तुम्हे झूठे वादे करके सिर्फ दुख ही देता था। इस जन्म शायद इतना ही साथ था हमारा, सॉरी मेरे जाने का वक्त हो गया है अब हम अगले जन्म फिर से मिलेंगे। ये उस सुसाइड नोट की चंद शब्द हैं जो अमित पाण्डेय (26 वर्ष) ने मौत को गले लगाने से पहले लिखा था। जिला जेल के सामने कंसलटेंसी कम्पनी चलाने वाले अमित की लाश बुधवार की सुबह ऑफिस में पंखे के सहारे गमछे से लटकी मिली। पुलिस मौत की वजह कर्ज में बता रही है।

दो महीने पहले हुई थी शादी

मूल रूप से मिर्जापुर के सोनपुरा का रहने वाला अमित कंसलटेंसी एजेंसी चलाता था। 16 फरवरी को उसकी शादी कविता से हुई थी। दोनों मुगलसराय के सुभाषनगर में रहते थे। अमित मंगलवार को ऑफिस में ही रुक गया। पत्नी ने फोन करती रही लेकिन उसका फोन नहीं उठा। परेशान कविता अमित के मामा संजय तिवारी के साथ बुधवार सुबह ऑफिस पहुंची। गेट अंदर से बंद होने से उसने खिड़की से अंदर देखा तो होश उड़ गए। अमित की लाश गमछे के सहारे पंखे से लटक रही थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गेट तोड़कर लाश को नीचे उतारा। कमरे की जांच करने पर एक डायरी में पत्नी को सम्बोधित लिखा अमित का सुसाइड नोट मिला है। पुलिस का कहना है कि अमित कर्ज में डूबा था और इसी परेशानी के कारण उसने ये कदम उठाया।