-आज करेंगे पर्यटन मंत्री शुभारंभ, दिखेगी भारतीय संस्कृति की झलक

-हंसराज हंस के गीत और प्रसन्ना का वादन होगा मुख्य आकर्षण

--DM ने किया संत रविदास घाट और सांस्कृतिक संकुल का निरीक्षण

VARANASI

धानी और सफेद रंग से सजे संत रविदास घाट, पार्क और उसके आसपास का एरिया गंगा महोत्सव की खूबसूरती को बयां कर रहा है। भारतीय संस्कृति को समेटे ख्क्वें गंगा महोत्सव का शुभारंभ प्रदेश के टूरिज्म मिनिस्टर ओमप्रकाश सिंह ख्ख् नवंबर को रविवार की शाम साढ़े पांच बजे करेंगे। जहां भारतीय कला की हर विधा का नजराना पेश किया जाएगा। महोत्सव में हर बारीकी का ख्याल रखा गया है। बिजली बचाने के लिए जहां एलईडी का अधिक यूज किया गया है, वहीं चार हजार से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। महोत्सव में ट्रेडिशनल गेम्स का भी आयोजन किया जाएगा। महोत्सव का समापन ख्ब् नवंबर की शाम साढ़े पांच बजे स्टेट के गवर्नर राम नाईक करेंगे।

वादन, गायन सब रहेंगे आकर्षण

गंगा महोत्सव का शुभारंभ पं। दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना के शहनाई वादन के मंगल ध्वनि के साथ होगा। इसके बाद सूफी गायक हंसराज हंस पहली बार अपनी खास शैली से लोगों को सूफी और शास्त्रीय गायन से मंत्रमुग्ध करने की कोशिश करेंगे। संतूर और मेंडोलिन पर पंडित तरुण भट्टाचार्य और स्नेहशील मजूमदार की जुगलबंदी का एक अलग ही नजारा होगा। इस निशा की आखिरी प्रस्तुति गीतांजलि लाल और उनका समूह कथक नृत्य पेश कर करेगा। वहीं ख्फ् नवंबर, सोमवार को कार्यक्रम की शुरुआत सूफी और शास्त्रीय गायिका कविता सेठ से होगी। राकेश चौरसिया बांसुरी वादन करेंगे। कविता द्विवेदी ओडिसी नृत्य, अदिति भागवत एवं उनका समूह लावणी नृत्य और सुशीला मेहता भरतनाट्यम प्रस्तुत करेंगी। ख्ब् नवंबर, मंगलवार को सबसे पहले बेगम परवीन सुल्ताना शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगी। इसके बाद नीलाद्री कुमार का सितार वादन, डॉ। राजा-राधा रेड्डी कुचीपुड़ी नृत्य और मलिनी अवस्थी लोक गायन पेश करेंगी।

लेटलतीफी देख बिफरे डीएम

जिलाधिकारी राजमणि यादव ने शनिवार को गंगा महोत्सव और राष्ट्रीय शिल्प मेला की तैयारी का जायजा लिया। उन्होंने कार्य प्रगति की रफ्तार धीमी देख नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संत रविदास घाट पर समुचित सफाई एवं मजबूत बैरीकेडिंग कराने का निर्देश दिया। संत रविदास घाट सहित वाहनों के लिये बनाए गए पार्किग स्थल पर सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम सुनिश्चित कराए जाने पर विशेष जोर दिया। इसके बाद वे चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल पहुंचे, जहां ख्फ् नवंबर से शिल्प मेला लग रहा है। उन्होंने दुकान के निर्माण में मजबूती और अन्य जरूरी बातों का ध्यान रखने का निर्देश दिया।