-बाजार में तीन गुनी महंगी हो गई सब्जियां
-बजट बिगड़ने से थाली से गायब हो गई हरी सब्जी
सावन से पहले शुरूहुई झमाझम बारिश से लोगों को गर्मी और उमस से भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन इस मौसम में सब्जियां सितम बरपा रही हैं। दाम में बेतहासा बढ़ोत्तरी हो गयी है। टमाटर के दाम 20 रुपए किलो थे, जो आम के बराबर यानी 40 रुपए में बिक रहा है। एक सप्ताह पहले से सब्जियों की कीमत दोगुनी हो गई हैं। सब्जी कारोबारियों का कहना है कि दाम में कमी अब बारिश के बाद ही संभव होगा।
बारिश बनी मुसीबत
सब्जियों के दाम में ज्यादा बढोत्तरी बारिश शुरू होने के साथ हुई है। आलू, प्याज, टमाटर समेत कई सब्जियां बनारस में बाहर से आती हैं। हरी सब्जियां भी आसपास के गांवों से आती हैं। लमही मंडी के अढ़तिया भोला जायसवाल बताते हैं कि देश के कई एरिया में बारिश और बाढ़ की वजह से सब्जियों लेकर ट्रक आदि शहर में नहीं आ पा रहे हैं। खेतों में पानी भर जाने से जो सब्जियां थी वो सड़ गई है। बनारस में प्याज नासिक से आता है। वहीं टमाटर बेंगलुरु और आलू, लहसून एमपी से आता है।
सब्जियों की कीमत पर एक नजर
शिमला मिर्च 50-60
टमाटर 35-40
अदरक 60-65
लहसुन 100-110
बैंगन 35-40
परवल देशी 85-90
परवल बाहरी 40-50
प्याज 35-40
करेला 35-40
नेनुआ 50-60
¨भडी 30-35
कटहल 25-30
गोभी 50-60
बोड़ा 75-80
कुलरू 20-25
धनिया 100-120
मिर्चा 20-25
सभी रेट थोक मंडी के है
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पब्लिक वर्जन
सब्जियों के रेट काफी बढ़ गये हैं, इससे रसोई का बजट बिगड़ गया है। सब्जी में टमाटर का इस्तेमाल कम कर रहे हैं। आलू का रेट थोड़ा कम है, इसलिये इन्हें खरीदकर काम चला रहे हैं।
-रीता अग्रवाल, गृहणी
कालोनी में रेहड़ी वाले मंडी से दोगुने कीमत पर सब्जियां देते हैं। मंडी दूर होने के कारण इन्हीं से सब्जी खरीदना मजबूरी है। सब्जी के दाम आसमान छू रहे हैं। टमाटर और आम के दाम एक ही हैं।
-संगीता, गृहणी
सब्जी, फल और अनाज सब कुछ महंगा हो गया है। समझ में नहीं आता है कि फल खाएं या टमाटर। बिना सब्जी का खाना अच्छा नहीं लगता है। बजट गड़बड़ा गया है। फिर भी सब्जी-फल लेना मजबूरी है।
-प्रिया अग्रवाल, गृहणी
अदरक का भाव सुनकर हम दंग रहे गये। कुछ दिन पहले जितना में एक किलो मिल रहा था अब उतने ही रुपयों में ही एक पाव मिल रहा है। अभी तक फल के दाम ही बढ़े थे अब तो सब्जियां भी भाव खाने लगी है।
-विमला सेठ, गृहणी