टै्रफिक जाम इस शहर की लाइलाज बीमारी बन गयी है। हर रोज-हर जगह इस समस्या का बोलबाला रहता है। जाम की तमाम वजहों में मैरिज लॉन में पार्किग का ना होना और थाने के बाहर जमा सीज की गयी गाडि़यां प्रमुख हैं। जाम से निजात दिलाने व पब्लिक को इस प्रॉब्लम से बचाने की जिन पर जिम्मेदारी है वह कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। जबकि इस बाबत तमाम नियम खुद बनाए थे और कड़क आदेश भी दिया था। लेकिन कभी कोई कार्रवाई नहीं की। अपनी आंख और कान बंद किये हुए हैं।

हाईलाइट्स

-शहर में डेली आठ से नौ सौ होती हैं शादियां

-सिटी में साढ़े चार सौ रजिस्टर्ड मैरेज लॉन हैं।

-दो सौ स्कूलों के मैदान, 50 पार्को में वैवाहिक समारोह होता है।

-शहर के दो सौ होटलों से भी शादियां होती हैं।

-जिन स्थलों पर वैवाहिक कार्यक्रम होते हैं उनमें से 90 प्रतिशत पर पार्किग का अरेंजमेंट नहीं है।

-लगन के दौरान हर वैवाहिक स्थल पर लगभग तीन सौ वाहन सड़क पर आड़े-तिरछे खड़े रहते हैं।

-जिस वक्त सिटी की सड़कों पर टै्रफिक लोड सबसे अधिक रहता है उस वक्त पूरे शहर में ढाई से तीन लाख वाहन रोड पर पार्क होते हैं।

अंदर की खबर

यार की शादी में सारा शहर बाराती

-मैरिज लॉन के बाहर बेतरतीब खड़ी गाडि़यां और रोड घेरकर चलने वाली बारातों से लग रहा है जाम

-नियमों के होने के बावजूद नहीं कराया जा रहा है पालन, नहीं हुई कार्रवाई

Scene-1

महमूरगंज में कई लॉन में वैवाहिक समारोह आयोजित है। पार्किग प्लेस नहीं होने के कारण उनमें शामिल होने वालों की गाडि़यां बाहर रोड पर ही पार्क हैं। कुल मिलाकर इतनी सकरी रोड बचती है जिससे बमुश्किल एक वक्त में एक फोर व्हीलर ही निकल सके। हैवी टै्रफिक वाले इस रोड पर थोड़ी ही देर में भीषण जाम लग गया।

Scene-2

जगतगंज से लाइट-बत्ती से दमकती बारात तेलियाबाग की ओर चली आ रही है। बैंड-बाजा, ढोल की धुन पर बाराती जमकर ठुमके लगा रहे हैं। दो कदम बारात चली नहीं कि उसे रोककर थिरकने लगे। रेंगती चल रही बारात के पीछे सैकड़ों गाडि़यां मजबूरन चली आ रही हैं। रोड पर बने डिवाइडर के कारण दूसरी तरफ निकलने का रास्ता भी नहीं था। यहां देर तक यही हालात बने रहे।

लगन में बनारसवासियों को किस तरह की दिक्कत झेलनी पड़ रही है दोनों सीन्स यह बताने के लिए काफी हैं। सकरी रोड पर मैरिज लॉन के बाहर जमा गाडि़यों और बेवक्त रोड पर निकलने वाली बारात की वजह से उन्हें जबरदस्त जाम झेलना पड़ता है। ये हालत देर रात तक बनी रहती है। दिन में जाम झेलने के बाद अपना काम निबटाकर जल्द घर लौटने की चाहत रखने वाला इसमें फंसकर परेशान होता रहता है। क्योंकि उसके पास इस समस्या से बचने के लिए कोई और चारा भी नहीं होता है।

क्या याद नहीं आदेश

-मैरिज लॉन के लाइसेंस के साथ पार्किग स्थल का होना अनिवार्य होता है जबकि ज्यादातर लॉन्स के पास पार्किग की व्यवस्था नहीं है।

-पार्किग की व्यवस्था का आदेश होटल पर भी लागू है लेकिन कई होटलों ने इसका इंतजाम नहीं किया है।

-प्रशासन ने आदेश दिया था कि जिन लॉन और होटल के पास पार्किग का अरेंजमेंट नहीं होगा उनका लाइसेंस रद कर दिया जाएगा लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं

-आदेश दिया गया था कि मैरिज लॉन के बाहर गाडि़यां पार्क की गयीं तो उन्हें सीज कर दिया जाएगा।

-अभी तक ऐसी कोई गाड़ी सीज नहीं की गयी।

-प्रशासन ने आदेश दिया था कि रोड पर जिस वक्त हैवी टै्रफिक होता है उस वक्त बारात रोड पर नहीं निकले।

-इसके लिए रात दस बजे के बाद का समय निर्धारित किया गया।

-बारात की वजह से रोड पर अगर जाम लगता है तो बारातियों को जेल की हवा खिलाने की बात कही गयी लेकिन हवा हो गयी।

जरा इनकी तो सोचो

जाम की समस्या दिन ब दिन जटिल होती जा रही है। शहर की कोई रोड नहीं जहां जाम नहीं लगता हो। ऑफिस के लिए निकले वर्किग परसन, स्टूडेंट्स, शॉपिंग करने वाले, दर्शन-पूजन करने वाले सभी इसमें फंसकर परेशान होते हैं। ये समस्या जब रात में भी होती है तो हर कोई बिलबिला उठता है। जब रोड पर जाम लगता है तो उससे कनेक्टेड गालियां भी जाम की चपेट में आ जाती हैं। तो धार्मिक शहर बनारस बिजनेस, एजुकेशन, मेडिकल का भी प्रमुख केन्द्र है। बड़ी संख्या में बाहर के लोग इन वजहों से यहां आते हैं। उन्हें भी जाम का सामना करना पड़ता है।