वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में वाहन चोरों के कई गैैंग एक्टिव हैैं। ये मालिकों के पलक झपकते ही वाहन उड़ा देते हैैं। फिर वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कई राज्यों में मामूली कीमत पर बेचते हैैं। ये वाहन चोर हाल के महीनों में वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के लिए चुनौती बन चुके हैैं। ऐसे हालात में दर्जन भर से अधिक ट्रैफिक सिग्नलों पर लगे हाई रिज्यूलेशन कैमरे नागरिकों को सही डायरेक्शन बताने के साथ अब चोरों को बेनकाब कर रहे हैैं। वाहनों के कटे चालान और दर्ज चोरी के रिकार्ड को ट्रैफिक रडार पर डालकर ऑटोमेटेड मोड में ट्रेस किया जा रहा है। इससे देर-सवेर चोरी की बाइक से गुजरने पर वाहन चोर और बाइक को सीसीटीवी कैमरे आसानी से पकड़ ले रहे हैैं। एडीसीपी ट्रैफिक दिनेश पुरी के अनुसार ट्रैफिक सिग्नल को मॉडर्न बनाने और डेटा बेस्ट कमांड सेंटर से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित बनाने की कोशिश जारी है। अब तो थर्ड फेज में हाई रेज्यूलेशन के सैकड़ों कैमरों को प्रमुख चौराहों पर इंस्टाल करने का काम तेजी से चल रहा है।
लग्जरी लाइफ की चाह पहुंचाती है जेल
बनारस पूर्वांचल की राजधानी है। बेरोजगारी और तन्हाई के आलम में बनारस, पूर्वांचल और बिहार के कई जनपदों से युवाओं को वाहन चोर गंंैंग रुपए और अमीर बनने की लालच में धकेल रहा है। शॉर्ट कट तरीके से संसाधन बटोरने और लग्जरी लाइफ की चाहत में वाहन चोरी के धंधे में कूदे ये युवक सीधे-सीधे जेल पहुंच जाते हैैं। अब बनारस में लगे हाई रेज्यूलेशन के सीसीटीवी कैमरे पुलिस का काम आसान भी कर दिया है। इससे वाहन चोरों के कान खड़े हो गए हैैं.
केस-1
वाराणसी के चितईपुर पुलिस ने कुछ महीने पहले चेकिंग में एक युवक को चोरी की बाइक के साथ गिरफ्तार किया। इस केस में चौराहे पर लगे ट्रैफिक कैमरों ने पुलिस की धर-पकड़ अभियान में काफी अहम भूमिका निभाई। जांच में सामने आया कि आरोपी कार का नंबर लिखकर चलता था, ई-चालान नंबर से यह भेद खुला। चितईपुर एसओ मिर्जा रिजवान बेग ने बताया कि आरोपी करौंदी निवासी चंद्रजीत ने बीते एक दिसंबर को आदित्यनगर स्थित लॉन से अपाचे बाइक चुराई थी.बाइक के चेचिस नंबर का मिलान किया तो बाइक शिवपुर तरना निवासी सुशील पटेल की निकली। यह खुलासा ई-चालान के हेल्प से हुआ।
केस-2
चौक पुलिस ने हाल के मार्च महीने में कर्णघंटा इलाके से चोरी की बुलेट के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया। इंस्पेक्टर शिवाकांत ने बताया कि ई-चालान के जरिए बुलेट के चोरी का खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि कर्णघंटा इलाके में चोरी की बुलेट बेचने के फिराक में एक युवक आया हुआ था। टीम ने घेराबंदी करते हुए रामापुर स्थित स्थित खारी कुआं निवासी मोहम्मद रशीद को गिरफ्तार कर लिया।
यूं कटता है ई-चालान
शहर के रथयात्रा ट्रैफिक चौराहे पर गत 3 फरवरी को रियल्टी चेक में दोपहर के 12.30 बजे रेड लाइट होने का बाद भी एक स्कूटी नंबर- यूपी 65 सीपी 9421 से युवती गुजरी। इसके रांग साइड में बगैर सिग्नल के घुसने से जाम जैसी स्थिति बन गई। वहीं, थोड़ी देर बाद इसी चौराहे पर रोड लाइट होने पर कई बाइक सवार और ऑटो चालक जेब्रा क्रॉसिंग के आगे रोड पर खड़े रहे। नियम तोडऩे वाली स्कूटी नंबर- यूपी 65 सीपी 9421 को कमांड सेंटर में जांच कराने पर पाया गया कि कैमरे ने नंबर स्कैन कर एक्शन अंडर प्रोसेस कर दिया है।
ई-चालान से यूं पकड़े जाते हैं चोर
ऐसे मेंंं इस नंबर की स्कूटी के चोरी होने व कंप्लेन मिलने पर कमांड सेंटर से शहर भर के कैमरों से स्कैन-एलर्ट मोड में कर दिया जाता है। यदि स्कूटी का इन फ्यूचर शहर में मूवमेंट दिखा, तो कमांड सेंटर के कैमरे लोकेशन के साथ ट्रैफि क पुलिस को अलर्ट करते हैैं। लिहाजा, आसानी से चोर पकड़ में आ जाते हैैं.
कैमरे की नजर में ट्रैफिक चौराहे
बनारस के यातायात को स्मार्ट और स्मूथ बनाने के लिए फस्र्ट फेज के तहत शहर में ट्रैफिक चौराहों व कई प्लेसेज पर 433 कैमरे इंस्टाल किए गए हैैं। इसमें 20 एनपीआर कैमरे भी शामिल हैैं, जो नियम तोड़ते ही तत्काल चालान काटते हैैं। सेकेंड फेज में 744 कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से 250 एनपीआर कैमरे हैं, जो यातायात और सघन मानिटरिंग के लिए अति भीड़भाड़ वाले एरिया में इंस्टाल किया गया है।
फस्र्ट और सेकेंड फेज के बाद अब थर्ड फेज की तैयारी चल रही है। ट्रैफिक रूल्स ब्रेक करने वाले सजग हो जाएं। स्मार्ट शहर के यातायात में अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिग्नल ब्रेक करने वाले वाहन चालकों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई होती आई है। ट्रैफिक पुलिस इस फ्यूचर में जारी रखेगी।
दिनेश कुमार पुरी, एडीसीपी, वाराणसी ट्रैफिक