वाराणसी (ब्यूरो)बुनकर कालोनी स्थित मस्जिद बागेनूर में रविवार को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की बैठक हुईइसमें ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर चर्चा की गईसभी ने न्यायालय पर भरोसा जताने का निर्णय लियामुख्य वक्ता अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव मुफ्ती--शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि बीते दिनों जो घटना क्रम हुआ है उसमें सबसे जरूरी है कि शहर में शांति व्यवस्था कायम रखी जाएउन्होंने न्यायालय के फैसले पर भरोसा जताने लिए कहा

सुन्नी वक्फ की संपत्ति

अब्दुल बातिन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद व उससे संबद्ध परिसर सुन्नी वफ्फ की संपत्ति हैइसे वर्ष 1937 में न्यायालय ने स्वीकार किया है जिसमें मुसलमान सदियों से नमाज अदा करते आए हैंइसकी प्रमाणिकता के साक्ष्य मौजूद हैं जिनको न्यायालय में समय-समय पर पेश किया गया हैकहा कि संपूर्ण मामला न्यायालयों में विचाराधीन है, इसलिए नगरवासियों संयम बनाए रखने की जरूर हैअफवाहों पर ध्यान न दिया जाएशांति व्यवस्था बनाए रखने में सभी सहयोग करें

कानूनी कार्यवाही का ब्योरा

अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने वाराणसी जिला न्यायालय, इलाहाबाद हाइकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में हो रही कानूनी कार्यवाही का विस्तार से ब्योरा पेश कियाअंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के वकीलों में मुमताज अहमद, एखलाक अहमद, तौहीर अहमद ने न्यायिक ङ्क्षबदुओं पर प्रकाश डालाहाजी एखलाक अहमद, मौलाना अब्दुला नासिर कासमी, मुफ्ती नियाज अहमद, मौलाना जियाउर्रहमान, मौलाना जफरुल हुसैनी, पूर्व विधायक हाजी अब्दुल समद अंसारी, सरदार इकरामुद्दीन, सरदार जियाउल हसन, सरदार अतीकउल्लाह, हाजी हसीन अहमद, हाजी शोएब अहमद, हाजी जलीस अहमद, हाजी इश्तियाक अहमद, हाजी आफताब आलम, अब्दुला अंसारी आदि थेसंचालन इशरत उस्मानी ने किया.