- स्मार्ट सिटी के लिए वर्कशॉप का आयोजन, विजन प्लान तैयार करने के लिए हर प्रोफेशन से जुड़े लोगों ने रखी अपनी बात

- विजन प्लान तय करने के लिए बनायी गयी टीम ने सबमिट किये अपने सुझाव

- फाइनल विजन प्लान के लिए वेबसाइट पर जनता देगी अपनी राय जिसके बाद बनेगा फाइनल विजन प्लान

VARANASI

स्मार्ट सिटी सेकेंड राउंड के लिए बनारस का विजन प्लान तय करने को बनारस क्लब में रविवार को वर्कशॉप हुआ। तय वक्त से दो घंटे लेट शुरू हुई वर्कशॉप में स्मार्ट सिटी का विजन प्लान तय करने के लिए बनी गंगा, वरुणा, असि, कबीर, रैदास और तुलसी नाम की टीम ने अपना-अपना विजन प्लान सबमिट किया। इस टीम में सिटी के बुद्धिजीवियों को रखा गया है।

छह टीम और कंसल्टेंट एजेंसी के विजन प्लान को स्मार्ट सिटी वेबसाइट पर डाला जाएगा जिस पर जनता अपनी राय देगी। उनकी राय के आधार पर फाइनल विजन प्लान तैयार होगा। वर्कशॉप में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए चुनी गयी कंसल्टेंट एजेंसी केपीएमजी के प्रतिनिधियों ने प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन किया। इस दौरान बीएचयू और काशी विद्यापीठ के वीसी, सीनियर ऑफिसर, आर्किटेक्ट, बिजनेसमेन, प्रोफेसर, इंजीनियर, साहित्यकार और पत्रकार मौजूद रहे।

बदलते परिवेश में ढलना है स्मार्टनेस

मेयर रामगोपाल मोहले की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला में बीएचयू के वीसी प्रो। गिरीशचंद्र त्रिपाठी ने कहा कि बदलते परिवेश में अपने आप को ढालना ही स्मार्टनेस है। विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी ने अपने आप को राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के सापेक्ष अपने आप को ढाला है इस लिहाज से बनारस स्मार्ट है। जरूरत है तो इसे संवारने व संजोने की। काशी विद्यापीठ के वीसी प्रो। पृथ्वीश नाग ने टेक्नोलॉजी, शिक्षा, धर्म, संस्कृति को संजोते हुए काशी को स्मार्ट बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक टेक्नोलॉजी का स्ट्रांग डाटा बेस नहीं होगा तब तक शहर स्मार्ट नहीं हो सकता।

सिटी में होगी आधुनिकता और पौराणिकता

बनारस स्मार्ट सिटी के रूप में आधुनिकता और पौराणिकता का उदाहरण पेश करेगी। यहां की परम्पराओं को ध्यान में रखते हुए ही शहर को स्मार्ट बनाना है। कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट सिटी का विजन तय करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बनारस में हर साल भ्भ् लाख पर्यटक आते है, जिनमें करीब तीन लाख विदेशी होते हैं। स्मार्ट सिटी में पर्यटन को भी बढ़ावा देने की जरूरत है।

बनारस की कला को दें बढ़ावा

पद्म भूषण छन्नूलाल मिश्र ने शास्त्रीय संगीत, बनारसी ठुमरी के साथ ही यहां की कला को बढ़ावा देने की बात कहीं। वर्कशॉप में देर से पहुंचे डीएम विजय किरन आनंद ने कहा कि एक बेहतर विजन प्लान के लिए नागरिकों का सहयोग जरूरी है। अधिकारी और नागरिक मिलकर शहर के विकास के लिए आगे आएं तो विकास होने से कोई नहीं रोक सकता। वर्कशॉप में आरके चौधरी, उमाशंकर पोद्दार, योगेश, आरसी जैन, पूजा मधोक, दीपक मधोक, गौतम टंडन, प्रो। एके सिंह, प्रो। मंजुला चतुर्वेदी, जवाहर टंडन, डा। सुरेंद्र प्रताप, प्रो। बीडी त्रिपाठी, पिंटू कुमार, सोनी चौरसिया ने भी सुझाव दिये।

स्मार्ट सिटी में ये भी होगा

- स्मार्ट सिटी विजन प्लान में आधुनिकता से साथ काशी की संस्कृति, सभ्यता और हेरिटेज संरक्षण का भी ध्यान दिया जाएगा।

- पिपलानी कटरा के आपपास शहर की ब्0 विभूतियां हैं। इन विभूतियों की यादों को संजोने के लिए हृदय योजना के तहत कला केंद्र की स्थापना होगी।