14 सदस्यीय अमेरिकी दल पहुंचा शांतिकुंज

फोटो426 शांतिकुंज प्रमुख से मुलाकात करता अमेरिकी दल

- दल ने शांतिकुंज के प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या से की मुलाकात

- शांतिकुंज में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की दल ने की सराहना

HARIDWAR: रोटरी क्लब भारत व अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत क्ब् सदस्यीय अमेरिकी दल उत्तराखंड के अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान शांतिकुंज पहुंचा। यहां उन्होंने गायत्री तीर्थ में चलाए जा रहे विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रमों का अध्ययन किया।

दल ने शांतिकुंज में चलाए जा रहे कार्यक्रमों का किया अध्ययन

गुरुवार को अमेरिकी दल ने शांतिकुंज के प्रमुख डॉ। प्रणव पणड्या व शैलदीदी से मुलाकात की। इस मौके पर डॉ। पण्ड्या ने कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीन संस्कृति है। यहां प्राचीन ऋषियों द्वारा ¨सचित, अवतारों और महापुरुषों द्वारा संरक्षित धर्म और संस्कृति पल्लवित होती रहती है। उन्हीं की छत्रछाया में लोकसेवियों द्वारा विभिन्न प्रकल्प चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं के मन से निराशा एवं हताशा के भावों को उखाड़ फेंकने के लिए गायत्री परिवार विभिन्न स्थानों पर युवा जागरण शिविरों का आयोजन कर रहा है।

युवाओं में आत्मविश्वास जगाना जरूरी

इन शिविरों के माध्यम से युवाओं के दृष्टिकोण को सकारात्मक दिशा दिया जाता है। युवाओं में आत्मविश्वास जगाने के साथ-साथ उनमें परिवार, समाज व राष्ट्र के उत्थान का भाव जगाया जाता है। अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान अमेरिकी दल ने शांतिकुंज के विभिन्न प्रकल्पों का अध्ययन किया। शांतिकुंज के देवात्मा हिमालय-ध्यान कक्ष में ध्यान किया। दल देवसंस्कृति विवि में गौ उत्पाद, सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र, हस्तकरघा, कागज उद्योग, ग्राम प्रबंधन आदि प्रकल्पों को देखकर प्रभावित हुआ। मनोवैज्ञानिक ¨लडा बेडनर्ज, बैंकर इस्टर फ्रेंक, कार्यक्रम निदेशक रोनाल्ड गिलबर्ट ने कहा कि अमेरिका में भी एक ऐसा विवि होना चाहिए। दल में लिस्ले ब्रोंकर, लारेंस कोनिक, स्टुवर्ट एलिन माíटन आदि शामिल थे।