महाभिषेक से शुरू होगी प्रक्रिया

सुबह के छह बजे भगवान बद्रीनाथ के महाभिषेक के बाद कपाट के बंद होने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएंगी। पूजा से पहले बाबा बद्री के शरीर से संडे की रात को ही शयन आरती के बाद सभी आभूषण उतारें जाएंगे और मंडे मार्निंग बाबा को फूलों से सजाया जाएगा। फूल श्रृंगार के भव्य कार्यक्रम के बाद भगवान बदरी को माणा गांव की कुवांरी कन्याओं व सुहागिन महिलाओं की बनाई गई ऊन की चोली पहनाई जाएगी।

कपाट बनने से पहले लक्ष्मी मां की पूजा

बाबा बदरी के कपाट बंद होने से पूर्व हमेशा की तरह इस बार भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा। जहां मंदिर के रावल केशव प्रसाद नंबूदरी लक्ष्मी मंदिर जाकर माता को गर्भगृह में नारायण के साथ रहने का न्यौता देंगे। जहां मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु के साथ रखा जाएगा। इस बड़े आयोजन को करीब से देखने के साथ बदरी विशाल के दर्शन करने पहुंचे हजारों श्रद्धालु जबरदस्त ठंड और बर्फबारी के बीच वहां मौजूद रहेंगे। डीआईजी गढ़वाल रेंज अमित सिन्हा ने बताया कपाट बंद होने को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गई है। दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं को लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना होगा।