यूकेडी के गुटों में छिड़ा संघर्ष, सिंबल पर साफ नहीं हो पाई है स्थिति

-अपने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुके हैं यूकेडी के गुट

DEHRADUN: लोकतंत्र में सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए चुनाव माध्यम है, लेकिन उत्तराखंड में एकमात्र क्षेत्रीय दल चुनाव से पहले ही कुर्सी की जंग में उलझा हुआ है। ये जंग कुर्सी सिंबल को लेकर यूकेडी के गुटों के बीच है। कुर्सी पर पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी की अगुवाई वाला गुट अपना दावा कर रहा है, जबकि त्रिवेंद्र सिंह पंवार वाला गुट मानता है कि कुर्सी सिर्फ उसकी है।

दल को लेकर गफलत

यूकेडी चुनावी तैयारियों में व्यस्त है, लेकिन दल को लेकर गफलत कायम है। निर्वाचन आयोग ने ऐरी गुट वाले गुट को यूकेडी के तौर पर मान्यता दी है, मगर सिंबल का मामला अटका है। पंवार वाला गुट भी यूकेडी के नाम का पूरा इस्तेमाल कर रहा है। पुष्पेश त्रिपाठी की अगुवाई वाले गुट ने अभी तक क्9 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है जबकि पंवार गुट के ख्9 प्रत्याशियों की सूची सामने आ चुकी है।

दोनों दलों का है पुरजोर दावा

पुष्पेश त्रिपाठी गुट का दावा है कि निर्वाचन आयोग ने उन्हें उत्तराखंड क्रांति दल माना है। यहां तक दल के नीति व नियमों के अनुसार मई में हुए सम्मेलन के संयोजक स्वयं त्रिवेंद्र पंवार थे लेकिन वे सम्मेलन में नहीं आए। उनकी ओर से इस संबंध में निर्वाचन आयोग के समक्ष रखे दस्तावेजों के बाद ही उन्हें यूकेडी माना गया है। वहीं, त्रिवेंद्र पंवार का कहना है कि अभी नाम किसी का फाइनल नहीं है। इस पर अभी रिव्यू चल रहा है।

फिर से शानदार प्रदर्शन का इंतजार

यूपी के जमाने में एक बार यूकेडी चार सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है, लेकिन इसके बाद से इसका ग्राफ लगातार गिरता रहा है। पिछले चुनाव में सिर्फ एक विधायक पार्टी का जीतकर आया है। नेताओं की निजी महत्वाकांक्षा और लचर संगठनात्मक प्रबंधन ने यूकेडी की साख को धक्का पहुंचाया है।