- अवॉर्ड के लिए यूनिवर्सिटीज को पूरे करने होंगे मानक

- बिना सुविधा और संसाधनों के कैसे मिलेगा सम्मान

- 15 मार्च तक यूनिवर्सिटीज को देनी होंगी जानकारी

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DEHRADUN: स्टेट में हायर एजुकेशन की क्वॉलिटी बेटरमेंट के लिए गवर्नर डा। केके पॉल ने पिछले दिनों यूनिवर्सिटीज को 'आदर्श केंद्र' बनाने के लिए इंटर यूनिवर्सिटी चांसलर अवॉर्ड प्रदान किए जाने की बात कही थी। इसके लिए क्म् बिंदुओं पर मानक भी तय कर दिए गए, लेकिन मौजूदा संसाधनों पर गौर करें तो स्टेट की यूनिवर्सिटी इन मानकों पर खरी नहीं उतरती। ऐसे में सुविधाओं के अभाव में बेस्ट यूनिवर्सिटी की दौड़ कैसे पूरी होगी। यह एक बड़ा सवाल है?

क्भ् मार्च तक करना है आवेदन

आवेदन में यूनिवर्सिटीज को नैक एक्रिडिटेशन, पेटेंट, खेल, स्मार्ट कैंपस सहित स्टूडेंट्स और टीचर्स का अनुपात कितना है आदि जानकारियां देनी होंगी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में प्रमुख समितियों व प्रकोष्ठों के गठन की स्थिति का आंकलन किया जाएगा। इन तमाम क्म् बिंदुओं पर यूनिवर्सिटीज को क्भ् मार्च तक जानकारियां राजभवन भेजने के निर्देश लिखित रूप में भेजे जा चुके हैं।

मानक पर खरी नहीं यूनिवर्सिटीज

सुविधाओं और संसाधनों के मामले में सभी यूनिवर्सिटीज अलग-अलग परेशानियां झेल रही हैं। इनमें परेशानियों से हटकर सबसे बड़ी परेशानी छात्र-शिक्षक अनुपात है। तकरीबन सभी यूनिवर्सिटीज में छात्रों की संख्या के मुताबिक शिक्षक नहीं है। ऐसे में यह मानक पूरा करना सभी यूनिवर्सिटी के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। इसके अलावा वाई फाई कैंपस, स्मार्ट कैंपस, दीक्षांत के मामले में भी यूनिवर्सिटी फेल साबित होंगे। उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में जहां वाई फाई कैंपस दूर की कौड़ी है तो वहीं श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी के कैंपस का ही कुछ अता पता नहीं। ग्रांट के मामले में भी कई यूनिवर्सिटी पहले ही यूजीसी की फटकार खा चुकी हैं।

किया जाएगा निरीक्षण

अगर किसी स्तर पर आकर यूनिवर्सिटीज दावेदारी पेश भी करती हैं तो इन सभी यूनिवर्सिटीज द्वारा प्रेषित की गई सेल्फ असेस्मेंट रिपोर्ट के आधार पर निरीक्षण किया जाएगा। भौतिक निरीक्षण विशेष कार्याधिकारी एवं सचिव राज्यपाल व सचिव उच्च शिक्षा उत्तराखंड शासन द्वारा किया जाएगा। जिसके बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी जो गवर्नर को प्रस्तुत की जाएगी। इसी के आधार पर यूनिवर्सिटीज को 'गवर्नर्स बेस्ट यूनिवर्सिटी अवॉर्ड' प्रदान किया जाना है। अब देखने वाली बात यह होगी सुविधाओं और संसाधनों के बिना यूनिवर्सिटी अवॉर्ड के लिए कैसे खुद को तैयार करती हैं।

इन मानकों को करना होगा पूरा

- नैक की मान्यता,

- स्मार्ट कैंपस

- रिसर्च पब्लिकेशंस

- पेटेंट

- दीक्षांत समारोह का शेड्यूल

- एग्जाम और रिजल्ट का शेड्यूल

- यूजीसी के क्ख्बी का स्टेटस व ग्रांट का ब्योरा

- टीचर्स और स्टूडेंट्स का अनुपात

- प्लेसमेंट रिकॉर्ड

- ट्यूटोरियल स्टेटस

- गोद लिए गये गांवों की प्रोग्रेस रिपोर्ट

- क्रिएशन ऑफ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस,

- सीएसआर योजना के तहत प्रशिक्षण

- रोजगार के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से समन्वय

- एंटी रैगिंग सेल, वीमेन प्रोटेक्शन सेल, स्टूडेंट ग्रिवांस और औचक निरीक्षण सेल आदि का गठन।

- खेल तथा सांस्कृतिक गतिविधियों सहित नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर प्राप्त अवॉर्ड का भी लिया जाएगा संज्ञान।

वर्जन---

गवर्नर डा। केके पॉल द्वारा शिक्षा और गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए की गई पहल सराहनीय है। मानकों के मुताबिक सभी पायदान पार करने होंगे। हमारे पास अभी यूनिवर्सिटी कैंपस ही नहीं है। सुविधाओं और संसाधन के मामले में जो यूनिवर्सिटी बेहतर होगी वही दावेदारी करेगी।

---- डा। उदय सिंह रावत, वाइस चांसलर, श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी