बारिश के साथ हवा चलने पर गेहूं गिरने का डर

पहली बारिश में ही हो चुका है गेहूं को काफी नुकसान

>DEHRADUN:

अभी पिछले सप्ताह बारिश के साथ आई तेज हवाओं के साथ बारिश से गेहूं की फसल गिर गई थी। वहीं अब गुरुवार की दोपहर के बाद आसमान में बादल छाने से किसानों की धड़कने फिर बढ़ गई। शाम के समय मामूली बूंदाबांदी हुई, लेकिन मौसम देख बारिश की संभावना बनी हुई है।

बारिश के साथ चली हवा है खतरा

इस समय गेहूं की फसल पूरी तरह तैयार है, लेकिन अभी बालियों में दाना पकना बाकि हैं। ऐसे में गेहूं के पौधे का वजन ऊपर की ओर बढ़ गया है। ऐसे में बारिश होते ही जडे़ नरम हो जाती है और हवा चलने के साथ ही गेहूं का पौधा जमीन पर लेट जाता है। पिछले सप्ताह हुई बारिश और चली तेज हवाओं में काफी गेहूं की फसल गिर चुकी है।

फसल गिरने से यह है नुकसान

गेहूं की फसल गिरने से जहां दाने का विकास नहीं हो पाता, वहीं उसका वजन भी कम हो जाता है। वहीं दूसरी ओर गिरी फसल में चूहे लगने का खतरा बढ़ जाता है। जिससे गेहूं का उत्पादन घट जाता है। इस बार किसानों को उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद थी, लेकिन यदि फिर से बारिश और हवा चली तो गेहूं का उत्पादन घटकर दो कुंतल से भी कम हो सकता है।

दोपहर बाद छाए बादल

गुरुवार को दोपहर तक धूप खिली रही, लेकिन दोपहर बाद आसमान में घने बादल छाने शुरू हो गए। शाम के समय कुछ स्थानों पर कुछ बूंदाबांदी भी हुई। जिससे जहां मौसम में ठंडक घुल गई, वहीं किसानों के चेहरे उतर गए। किसान दलवीर सिंह, राम सिंह, का कहना है कि यदि बारिश होती तो इतना नुकसान नहीं होगा, लेकिन तेज हवा चली तो फसल को ज्यादा नुकसान होगा।