- कूड़ा कलेक्शन ठीक नहीं, तैयारी चल रही कूड़ेदान वीआईपी बनाने की

- ग्राउंड स्तर के काम के बजाए बजट खर्च पर नगर निगम का फोकस

- शहर में कूड़ा उठान की व्यवस्था चरमराई, जगह-जगह फैला है कूड़ा

DEHRADUN : शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन व्यवस्था मजबूत करने के बजाए नगर निगम का ध्यान इन दिनों नई-नई योजनाओं को लाने पर टिका है। इसकी देन है कि अधिकारियों का ध्यान इन दिनों शहर में वेस्ट कलेक्शन के बजाए नई-नई कंपनियों की प्रजेंटेशन पर है। नगर निगम में इसे लेकर तमाम शिकायतें पहुंच रही है, लेकिन इस व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नगर निगम अधिकारियों का ध्यान नहीं है।

क्ख् गाडि़यां खा रही जंग

नगर निगम के पास वर्तमान में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए ब्ख् टाटा ऐस गाडि़यां हैं। इनमें दो गाडि़यां स्थाई रूप से ठप हो गई हैं, जबकि फ्भ् गाडि़यों से कूड़ा कलेक्शन कर निगम पांच गाडि़यां रिजर्व रखता है। मगर, बीते कुछ दिनों डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन में नगर निगम की तीस गाडि़यां ही कूड़ा उठा रही है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है, लगातार निगम की गाडि़या खराब होती जा रही है और रिजर्व रखी गई गाडि़यों को सड़क पर उतराने के बाद इस वक्त केवल तीस गाडि़यां ही शहर के म्0 वार्डो का डोर टू डोर कूड़ा उठा रही हैं। यही वजह है कि इन दिनों कई क्षेत्रों में चार से पांच दिन तक नगर निगम की कूड़ा उठान वाली गाड़ी नहीं पहुंच रही है। हालांकि नगर निगम अधिकारी अभी भी समय पर कूड़ा उठान होने के दावे कर रहे हैं।

इन क्षेत्रों में है समस्या

शिप्रा विहार, किशनपुर, इंद्रलोक कॉलोनी, कारगी, कौलागढ़, जाखन आदि।

'इस वक्त तीस गाडि़यां एक-एक दिन के रोटेशन के हिसाब से कूड़ा उठान कर रही हैं, लेकिन इस कहीं दो दिन में एक बार गाड़ी नहीं पहुंचती तो यह गंभीर समस्या है। इसे दिखवाया जाएगा.'

- डा। आरके सिंह, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी