1118 राजधानी में डेंगू के मरीजों की संख्या

10 से 12 मरीज रोजाना आ रहे दून अस्पताल

10 दिन पहले असर देखता था पर अब 3 दिन की देखने को मिल रहा

राजधानी में टाइगर का प्रकोप जारी

मरीजों के अनुपात में दिख रही कमी

DEHRADUN: राजधानी में टाइगर का प्रकोप अभी कम नहीं हुआ है। लेकिन मरीजों के अनुपात में कमी आने लगी है। साथ ही दिवाली तक अभी टाइगर (डेंगू) के अटैक की संभावनाएं बनी हुई है। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अभी भी अपने अभियान में लगे हुए हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो नवबंर तक अभी डेंगू का डर बना हुआ है।

नवबंर तक रहेगा डेंगू का असर

राजधानी में डेंगू के मरीजों की संख्या क्क्क्8 पहुंच गई है। और रोजाना क्0 से क्ख् मरीज रोजाना दून अस्पताल में डेंगू की शिकायत लेकर आ रहे हैं। लेकिन डेंगू नोडल अफसर डॉ। प्रवीण कुमार की मानें तो पहले रोजाना ख्0 से ऊपर मरीज डेंगू के आ रहे थे जो अब करीब क्0 तक पहुंच गए हैं। वहीं मरीजों में पहले क्0 दिन असर देखने को मिलता था वो अब घटकर करीब फ् दिन का हो गया है। लेकिन अभी नवबंर तक डेंगू का असर देखने को मिल सकता है।

प्लेटलेट्स कम तो ओर भी हैं कारण

दून में डेंगू के बढ़ते मामलों के कारण हर व्यक्ति दहशत में है। हालात ये हैं कि बुखार आते ही लोग खून की जांच कराने पैथोलॉजी पहुंच रहे हैं। अगर खून की जांच में प्लेटलेट्स थोड़ी भी कम आई तो लोग परेशान हो जातें हैं और खुद को डेंगू पीडि़त मानने लगते हैं। लेकिन, आपको बता दें कि प्लेटलेट्स कम होने का मतलब डेंगू कतई नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल फीवर समेत तमाम संक्रमणों व बीमारियों में भी प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं। वायरस से होने वाली बीमारियां मसलन पीलिया, टायफाइड में भी प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। डॉक्टर्स की मानें तो ऐसे मरीज भी आ रहे हैं, जिनमें डेंगू के अलावा अन्य बीमारियों के चलते प्लेटलेट्स कम हो रही हैं।

क्या है प्लेटलेट्स

यह खून का वह तत्व है, जो खून का थक्का जमाने का काम करता है। इसकी संख्या सामान्य तौर पर डेढ़ से चार लाख तक होती है। प्लेटलेट्स क्0 हजार से कम या क्0 लाख से ज्यादा होने पर नाक, छोटी व बड़ी आंत और त्वचा से ब्लीडिंग होने लगती है, जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है। डेंगू में बहुत तेजी से प्लेटलेट्स कम होते हैं। हालांकि, अन्य बीमारियों में प्लेटलेट्स कम होने की बात भी डॉक्टर मान रहे हैं।