शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या 600 के पार

दोनों विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचने की कर रहे कोशिश

एक दूसरे पर लगा रहो आरोप-प्रत्यारोप

DEHRADUN: राजधानी में टाइगर मॉस्क्यूटो (डेंगू) के डंक से लोग परेशान हैं। डेंगू के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। देहरादून में डेंगू के मरीजों की संख्या म्0फ् पहुंच गई है तो पूरे प्रदेश में म्फ्9. लेकिन हैरत कि बात यह है कि जिन दो विभागों के पास इस महामारी से निपटने की जिम्मेदारी है वे आपस में टकरा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य और नगर निगम डेंगू को लेकर आमने सामने आ गए हैं। और जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

शासन और प्रशासन फेल

राजधानी में डेंगू का प्रकोप जारी है। डेंगू के प्रकोप को रोकने में शासन और प्रशासन फेल नजर आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग पर जहां डेंगू के मरीजों के इलाज और जागरूकता करने की जिम्मेदारी है, वहीं नगर निगम की स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद फॉगिंग कराने की जिम्मेदारी है। लेकिन दोनों ही विभाग अब अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश में लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नगर निगम के अधिकारियों पर समय से और कम वार्ड में फॉगिंग करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं नगर निगम के अधिकारी नगर निगम क्षेत्र से बाहर भी हो रहे डेंगू के मरीजों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।

आंकडे़-

प्रदेश में डे्रंगू के मरीजों का आंकड़ा म्00 पार कर चुका है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में म्फ्9 मरीजों के साथ साथ देहरादून में म्0फ्, हरिद्वार में क्म्, नैनीताल में क्8 और यूपी से आए मरीजों की संख्या ख् है।

नगर निगम सुबह के समय फॉगिंग नहीं करवा रहा है। शाम के समय फॉगिंग ज्यादा असरदार नहीं होती है। साथ ही अभी ब्-भ् वार्ड में ही फॉगिंग हो रही है। हम कैंप लगाकर लगातार इलाज और जागरूक करने का काम कर रहें हैं।

डॉ। वाईएस थपलियाल, सीएमओ देहरादून

नगर निगम अपने संसाधनों से बेहतर काम कर रहा है। नगर क्षेत्र से बाहर भी डेंगू का प्रकोप है। एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालना ठीक नहीं। दोनों विभाग को मिलजुल कर काम करना है।

डॉ। कैलाश गुंज्यिाल, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी