- भाजपा नेता ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा, सरकार पर लगाए आरोप

- मुख्य पुजारी और कुछ तीर्थ पुरोहितों ने कहा शिवभूमि में उनके भक्त का पुतला जलाना गलत

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RUDRAPRAYAG: विजयदशमी पर शिवभूमि केदारनाथ में शिव के महान भक्त रावण का पुतला दहन किए जाने के बाद विरोध के स्वर उठने लगे हैं। भाजपा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। कुछ तीर्थ पुरोहितों ने भी इसे पौराणिक परंपराओं के खिलाफ माना है, जबकि आयोजक मंडल ने कहा कि रावण अहंकारी था, उसका पुतला जलाया जाना गलत नहीं है।

सरकार की शह पर हुआ कार्यक्रम

विजयदशमी के मौके पर स्थानीय व्यापारी, पुलिस और एसडीआरएफ ने केदारनाथ धाम में पहली बार रावण का पुतला फूंका था। इस मामले को लेकर बुधवार को भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। भाजपा नेता और पूर्व दर्जाधारी अजेन्द्र अजय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने केदारनाथ को राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। कहा कि केदारनाथ में सरकार की शह पर ही रावण का पुतला फूंका गया, जो पौराणिक परंपरा के खिलाफ है और इसकी जांच होनी चाहिए।

मुख्य पुजारी बोले, गलत हुआ

केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग व तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने भी केदारनाथ में रावण का पुतला दहन करने को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि रावण भगवान शिव का भक्त था, लिहाजा शिव के ही धाम में उनके भक्त का पुतला जलाना गलत है। आयोजक मंडल के सदस्य एवं केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी का कहना है कि पूरा पहाड़ शिव की भूमि है, ऐसे में सिर्फ केदारनाथ में रावण का पुतला दहन करने पर सवाल उठाना गलत है। रावण अहंकारी था, जिसका दहन किया गया। पुलिस, एसडीआरएफ व स्थानीय लोगों के सहयोग से विजयदशमी पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।