- एसपी ट्रैफिक ने सीपीयू के साथ प्रेमनगर क्षेत्र में की सघन चेकिंग

- 97 वाहनों पर की गई कार्रवाई, दो बस और एक बाइक सीज

- मंडे को इसी क्षेत्र में बस ने मार दी थी पुलिस जिप्सी को टक्कर

DEHRADUN : 'मित्रता सेवा सुरक्षा' उत्तराखंड पुलिस का यह स्लोगन शायद अब शब्दों का पिरोया जुमला मात्र रह गया है। आए दिन जिस तरह से पुलिस कार्रवाई हो रही है, उससे तो कुछ ऐसा ही जाहिर होता है। मित्र बनकर लोगों के सेवा मांगने पर उन्हें सुरक्षा देने के बजाए दून पुलिस की 'नींद' तभी टूटती जब खुद उसे ठोकर लग जाती है। पंडितवाड़ी में पुलिस जिप्सी में बस के टक्कर मारने के बाद ट्यूजडे को इस क्षेत्र मे कई गई पुलिस कार्रवाई बाद ये यह साफ जाहिर होता है।

पुलिस ने दो बसों को किया सीज

दरअसल, मंडे इवनिंग में कैदी को सुद्धोवाला जेल जोड़कर शहर की तरफ वापस आ रही जिप्सी में पंडितवाड़ी के पास विकासनगर की तरफ जा रही निजी बस ने टक्कर मार दी थी। हादसे में जिप्सी में मौजूद चार सिपाही घायल हो गए थे। यहां हादसे के बाद ट्यूजडे सुबह एसपी ट्रैफिक प्रदीप राय शायद पहली बार सीपीयू को साथ लेकर चेकिंग के लिए शहर से बाहर निकले। एसपी ट्रैफिक, कैंट पुलिस और सीपीयू ने इस दौरान 200 से अधिक वाहनों की चेकिंग की। चेकिंग में पुलिस ने दो बस और एक बाइक सीज की। अन्य मामलों में 94 वाहनों का चालान काटा। इतना ही कई वाहन चालकों को निर्धारित गति में चलने के निर्देश दिए गए।

आए दिन यहां होती हैं दुर्घटनाएं

मंडे को पहली बार इस हाइवे पर हादसा नहीं हुआ था। बल्कि आए दिन इस क्षेत्र में हादसे होते रहते हैं, लेकिन पुलिस ने कभी इन्हें गंभीर लेते हुए इस तहत चेकिंग नहीं की। मंडे को जब अपने 'घर' के सदस्य घायल हुए तो शायद पुलिस को अपनी लापरवाही का अहसास हुआ और एसपी ट्रैफिक खुद वाहनों की गति पर लगाम लगाने के लिए मौके पर पहुंचे। अब भी एक सवाल बार-बार उठ रहा है कि वाहनों के बेलगाम चलने के कारण केवल चकराता रोड नहीं अन्य अन्य सड़कों पर भी हादसे होते हैं, लेकिन वहां पुलिस क्यों नहीं पहुंचती है ?