-पूर्व में भी हड़ताल पर जाने की दी थी चेतावनी

DEHRADUN: प्रांतीय चिकित्सा सेवा के चिकित्सक सोमवार से हड़ताल पर रहेंगे। इसके चलते प्रदेश के हर सरकारी चिकित्सालय में अगले कुछ दिनों तक मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे पहले भी चिकित्सक हड़ताल पर जा चुके हैं तब दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल सहित तमाम हॉस्पिटलों में मरीजों को इलाज में परेशानी हुई थी।

संघ के बैनर तले है बहिष्कार

डायनेमिक एश्योर्ड कॅरियर प्रोग्रेशन (डीएसीपी) की मांग को लेकर प्रदेशभर के चिकित्सक आज से सुबह दो घंटे ओपीडी का बहिष्कार करेंगे। हालांकि गनीमत यह रहेगी कि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी। डीएसीपी का शासनादेश जल्द जारी न होने पर डॉक्टरों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।

अब तक नहीं जारी हुआ शासनादेश

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ (पीएमएचएस) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ। संजीव गोस्वामी ने बताया कि जून में कैबिनेट बैठक में चिकित्सकों को डीएसीपी का लाभ दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी थी लेकिन, शासनादेश अभी तक जारी नहीं किया गया। जबकि इस संबंध में पीएमएचएस के पदाधिकारी स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ओमप्रकाश से मुलाकात कर चुके हैं।

अभी पूर्ण बहिष्कार नहीं

पीएमएचएस के प्रदेश महासचिव डॉ। नरेश नपलच्याल ने कहा कि चिकित्सकों ने पहले पूर्ण कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया था। लेकिन, उत्तराखंड के अन्दर हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा को देखते हुए फिलहाल हड़ताल को महज दो घंटे करने का ही फैसला लिया गया है। इसकी वजह से प्रदेशभर में पीएचसी और सीएचसी के साथ ही जिला अस्पतालाें में भी मरीजों को परेशानी उठानी पड़ेगी। आंदोलन तेज हुआ तो यह परेशानी और भी बढ़ सकती है।

प्रभावित रहेगा दून हॉस्पिटल

राजकीय देहरादून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कार्य बहिष्कार का प्रभाव आंशिक ही रहेगा। दून पुरुष और दून महिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में तब्दील होने के बाद यहां पीएमएचएस के डॉक्टर काफी कम ही रह गए हैं। उनके हड़ताल पर जाने की स्थिति में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर व्यवस्थाएं संभाल लेंगे। दून में प्रेमनगर और कोरोनेशन हॉस्पिटल में डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का ज्यादा असर पड़ने की संभावना है।