बुराई पर अच्छाई की हुई जय जयकार

-परेड ग्राउंड में धूं-धूं कर जला रावण

-दशहरा महोत्सव पर महिलाओं, बच्चों ने उठाया मेला का आनंद

DEHRADUN: रावण का पुतला धूं-धूं कर जल गया। हर बार की तरह इस बार भी दशानन का अंत हो गया। लेकिन उसकी प्रतीक बुराइयों का दहन कब होगा। महंगाई, अशिक्षा, साफ-सफाई, बेरोजगारी, पलायन, गंदगी, भ्रष्टाचार, अतिक्रमण, ट्रैफिक व सड़क, बिजली और पानी की दिक्कतें और समस्याएं कब खत्म होंगी। हर साल की तरह अगले साल फिर ऐसा ही मौका आएगा, फिर पुतला राख होगा और ऐसी समस्याएं मुंह चिढ़ाएंगी। दुआ तो ये ही की जानी चाहिए कि अगले साल दशानन का दहन करने जब हम जुटें, तो उसकी प्रतीक बुराइयों का भी खात्मा हो चुका हो। बहरहाल, दशहरे पर आज परेड ग्राउंड समेत देहरादून के तमाम स्थानों पर बुराई के प्रतीक रावण के पुतलों को आग के हवाले कर दिया। धूं-धूं कर जलते दशानन को देखने बड़ी संख्या में दूनाइट्स जुटे।

सत्य के तीर से खाक हुआ रावण

परेड ग्राउंड में निर्धारित समयानुसार शाम छह बजे रावण, कुंभकरण, मेघनाद का पुतला दहन किया गया। इस मौके पर काबिना मंत्री दिनेश अग्रवाल, मेयर विनोद चमोली, विधायक राजकुमार, पूर्व स्पीकर व विधायक हरबंस कपूर, विधायक गणेश जोशी समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। भगवान राम की पूजा के बाद राम ने अपने तीर से रावण के पुतले को राख किया। उसके बाद पूरे मैदान में आतिशबाजी का माहौल देखने लायक रहा। उससे पहले कुंभकरण, मेघनाद के पुतले भी स्वाहा हुए। इससे पहले परेड ग्राउंड में मेला लगा रहा। जहां बच्चों, बुजुर्गो ने जमकर दशहरा महोत्सव का आनंद उठाया।

नोट:-इसमें फोटोग्राफ इन में हैं

सिंदूर खेला के साथ मां की विदाई

DEHRADUN: पारंपरिक लिबास से सजी महिलाओं ने मां दुर्गा के गीतों के साथ पांडालों से मां की विदाई की। इस दौरान महिलाएं भावुक भी हो गई। इस दौरान गूंजे ढाक व शंख के उद्घोष के बीच महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर से सराबोर कर दिया। खास बात यह रही कि जिस वक्त मां को ससुराल (विसर्जन के लिए ले जाना की) ले जाने का वक्त आया, हर किसी के चेहरे पर उदासी छा गई, अश्रू छलक गए। आखिर में 'आसते बचर आबार होबे' की गूंज के साथ श्रद्धालु मां की प्रतिमा को शोभायात्रा के रूप में विसर्जन के लिए निकल पड़े। दुर्गा पूजा कमेटी ओर से जूनियर क्लब में आयोजित समारोह में मां की विदाई के वक्त सिंदूर खेला का आयोजन हुआ। वहीं, दून घाटी मां दुर्गा सेवा समिति और कालिंदी एनक्लेव वेलफेयर सोसायटी की ओर से कालिंदी एनक्लेव में सजे पांडाल में सुबह करीब साढ़े नौ बजे सिंदूर खेला गया। जबकि पूजा समिति की ओर से करनपुर स्थित बंगाली लाइब्रेरी में सफेद और लाल साड़ी में सजी महिलाओं ने सिंदूर खेला तो चहुंओर भक्ति के रंग बिखर गए।

ऐसे ही उत्तरायण काली बाड़ी पूजा समिति की ओर दुर्गाबाड़ी माल रोड में श्री श्री दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया।